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8 hours ago
सरकार ने दूरसंचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार परियोजनाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। इसमें से अधिकांश राशि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के लिए निर्धारित की गई है। कुल प्रस्तावित आवंटन में से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बीएसएनएल और एमटीएनएल से संबंधित खर्चों के लिए हैं, जिसमें बीएसएनएल में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और पुनर्गठन के लिए 82,916 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। बजट के अनुसार, “बजट अनुमान 2024-25 में इस मांग के लिए कुल शुद्ध आवंटन 1,28,915.43 करोड़ रुपये (1,11,915.43 करोड़ रुपये और 17,000 करोड़ रुपये) है। 17,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान ‘यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड’ के तहत उपलब्ध शेष राशि से पूरा किया जाता है और इसका उपयोग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को मुआवजा, भारतनेट और अनुसंधान एवं विकास जैसी योजनाओं के लिए किया जाएगा।”
पेंशन लाभ के लिए 17,510 करोड़ रुपये
बजट में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के पेंशन लाभ के लिए 17,510 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारी भी शामिल हैं। सरकार ने एमटीएनएल बॉन्ड की मूल राशि के भुगतान के लिए 3,668.97 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। बजट में प्रौद्योगिकी विकास एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए 34.46 करोड़ रुपये, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना के लिए 70 करोड़ रुपये तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए 1,806.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
यहां बढ़ा आयात शुल्क
आवंटन के अलावा, सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में मदरबोर्ड (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मैं निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।” दूरसंचार पीसीबी निर्माण के लिए मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, संचार उपकरणों के विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों को छूट के साथ आती है।
यहां मिली छूट
वित्त मंत्री ने 25 खनिजों जैसे लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से दो पर मूल सीमा शुल्क कम किया जाएगा। सीतारमण ने कहा, “इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा तथा इन रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।” जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने कहा, “दूरसंचार उपकरणों के लिए पीसीबी असेंबली पर बढ़ी हुई बीसीडी स्थानीय निर्माताओं का समर्थन करती है और दूरसंचार ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) के लिए लागत कम करती है। यह उद्योग को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उत्साहित करेगा।” जीएक्स ग्रुप दूरसंचार पीएलआई योजना के लाभार्थियों में से एक है।
पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं की पहली नौकरी की पहली सैलरी अब सरकार देगी। इससे रोजगार को बल मिलेगा।
आर्थिक विकास को मिलेगी नई गति
पीएम ने कहा कि इस बजट से छोटे व्यापारियों, एमएसएमई को उनकी प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। बजट में मैन्युफैक्चरिंग पर भी बल है और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बल है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। पीएम ने कहा कि रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर देना हमारी सरकार की पहचान रही है। आज का बजट इसे और मजबूत करता है।
पहली सैलरी सरकार से मिलेगी
पीएम ने कहा कि देश और दुनिया ने पीएलआई स्कीम की सफलता देखी है। बजट में सरकार ने एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव की घोषणा की है। इस योजना में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली सैलरी सरकार देगी। एक करोड़ नौजवानों को इंटर्नशिप की योजना से गांव के गरीब युवा भी देश की टॉप कंपनियों में रोजगार पा सकेंगे। हमें हर शहर, हर गांव, हर घर में उद्यमी बनाना है। इसी उद्देश्य से बिना गारंटी के मुद्रा लोन की लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है। इससे स्वरोजगार को बल मिलेगा।
ब्याज, पेंशन, रक्षा या सब्सिडी … इस साल कहां खर्च होगा सरकार का सबसे ज्यादा पैसा, देखिए आंकड़े
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है। यह निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया सातवां बजट था। इस बजट में वित्त मंत्री ने करदाताओं को बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बड़ा दी। साथ ही न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इससे वेतनभोगी कर्मचारी को 17,500 रुपये का फायदा होगा। वित्त मंत्री ने बजट में बिहार और आंध्रप्रदेश के लिये भी बड़ी घोषणाएं की हैं। आइए जानते हैं कि इस साल किस सेक्टर में सरकार का पैसा सबसे ज्यादा खर्च होने की संभावना है।
बजट दस्तावेज के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में प्रमुख मदों में कुल 48,20,512 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022-23 में 41,93,157 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं, 2023-24 के लिये संशोधित अनुमान 44,90,486 करोड़ रुपये है।
सबसे ज्यादा ब्याज में जाएगा पैसा
बजट अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का सबसे ज्यादा पैसा ब्याज के भुगतान में खर्च होगा। 48,20,512 करोड़ रुपये के कुल खर्च में से 11,62,940 करोड़ रुपया तो केवल ब्याज भुगतान में ही चला जाएगा। इसके बाद ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सरकार 5,44,128 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सरकार 3,22,787 करोड़ रुपये राज्यों को ट्रांसफर करेगी। 1,50,000 रुपया जीएसटी कंपनसेशन फंड रहेगा। 2,65,808 करोड़ रुपया ग्रामीण विकास में खर्च होगा। 1,50,983 करोड़ रुपया गृह विभाग पर खर्च होगा। 2,43,296 रुपया पेंशन में खर्च होगा। 4,54,773 करोड़ रुपया रक्षा पर खर्च होगा, 1,64,000 करोड़ रुपया उर्वरक सब्सिडी और 2,05,250 करोड़ रुपया खाद्य सब्सिडी पर खर्च होगा