इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हुए नरसंहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने आईसीजे के आदेश पर निशाना साधा और इसे अपमानजनक बताते हुए खारिज कर दिया. पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हम अपने देश और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कार्रवाई होगी, करते रहेंगे. नेतन्याहू ने कहा, हर देश की तरह इजराइल को भी अपनी रक्षा करने का बुनियादी अधिकार है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हमें इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकता.
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इजराइल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके सैनिक गाजा में नरसंहार न करें और मानवीय स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाएं. ICJ ने इज़राइल से व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने कार्यों पर एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा। आईसीजे के अध्यक्ष जॉन डोनोग्यू ने कहा कि अदालत गाजा में मानवीय त्रासदी से पूरी तरह अवगत है और नरसंहार के बारे में गहराई से चिंतित है। लेकिन इजराइल ने कोर्ट के इस आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि इजराइल अपनी रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वो करेगा.
दक्षिण अफ़्रीका ने इसराइल पर नरसंहार का आरोप लगाया
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका ने गाजा युद्ध को लेकर इजराइल पर नरसंहार करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर इसी महीने की शुरुआत में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान इजराइल ने दक्षिण अफ्रीका के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि दक्षिण अफ्रीका के आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं.
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से गाजा में इजराइल के सैन्य अभियान को तुरंत रोकने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था. उन्होंने इजराइल पर 1948 के नरसंहार कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि इजराइल गाजा में अपनी सीमा पार कर रहा है और वहां फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है.
गाजा में 26 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए
आपको बता दें कि गाजा में 100 दिनों से ज्यादा समय से युद्ध जारी है. अब तक 26 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें 9000 से ज्यादा बच्चे और 6500 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद गाजा में इजरायली हमले जारी हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले में इजराइल में 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे.