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विलमिंगटनः क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्षों ने कैंसर मूनशॉट के लिए अपना संबोधन दिया। इस वर्ष की क्वाड समिट की थीम कैंसर मूनशॉट पर ही आधारित थी। इसलिए सभी विश्व नेताओं ने कैंसर के खिलाफ जंग लड़ने के लिए एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सर्वाइकल कैंसर से जंग के लिए आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से इलाज शुरू करने का बड़ा ऐलान किया। इसके साथ ही दूसरे देशों की मदद के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के मदद की पेशकश की।
पीएम मोदी ने कहा कि इस कैंसर मूनशॉट आयोजन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन के लिए हार्दिक अभिनंदन करता हूं। यह सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के हमारे साझा दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महमारी के दौरान हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए वैक्सीन की उपलब्धता कराई। कैंसर का बोझ कम करने के लिए रोकथाम, स्क्रीनिंग, जांच और इलाज की इंटीग्रेटेड अप्रोच जरूरी है। भारत में बड़ी संख्या में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम चल रहा है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम चला रहा है। सबको सस्ती दर पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए भारत में स्पेशल सेंटर बनाए गए हैं।
सर्वाइकल कैंसर से जंग के लिए भारत ने बनाई अपनी वैक्सीन
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने सर्वाइकल कैंसर के लिए अपनी वैक्सीन भी बनाई है। एआई की मदद से इसके लिए नए ट्रीटमेंट प्रोटोकाल शुरू किए जा रहे हैं। भारत अपना अनुभव और प्रयास शेयर करने के लिए तैयार है। आज कैंसर केयर में काम करने वाले भारत के कई कैंसर विशेषज्ञ इस इवेंट में हमारे साथ जुड़े हैं। भारत का विजन है “वन अर्थ वन हेल्थ”। इसी भावना से मैं वार कैंसर मूनशॉट कैंसर इनिशिएटिव के तहत 7.5 मिलियन डॉलर की सैफ्टी किट्स, डिटेक्शन किट्स और वैक्सीनका सहयोग देने की घोषणा करता हूं। रेडियोथेरैपी ट्रीटमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग में भी भारत सहयोग करेगा। मुझे खुशी है कि इंडो-पैशिफिक देशों के लिए भारत से 40 मिलियन वैक्सीन डोज का योगदान दिया जाएगा, जो करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरणें बनेगा। यह सिर्फ देश के लिए, बल्कि लोगों के लिए है
अमेरिका में आज पीएम मोदी का मेगा इवेंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन लॉन्ग आइलैंड स्थित नासाउ वेटरन्स मेमोरियल कोलिजीयम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे। न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में होने वाले पीएम मोदी के इस मेगा इवेंट को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं। इस कार्यक्रम में करीब 14,000 लोगों के आने की उम्मीद है। पीएम के कार्यक्रम का नाम ‘मोदी एंड यूएस: प्रोग्रेस टुगेदर’ दिया गया है। आयोजकों का कहना है कि यह कार्यक्रम भारत और अमेरिका के करीबी संबंधों, अमेरिकी-भारतीय समुदाय के गर्मजोशी भरे रिश्ते को बताएगा। प्रवासी भारतीयों में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह है।
पीएम मोदी का कार्यक्रम
भारतीय प्रवासियों को संबोधित करने के बाद 23 सितंबर को पीएम संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे।
मिले बाइडेन और पीएम मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर मिले दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’
बाइडेन ने किया पीएम मोदी का स्वागत
डेलावेयर के विलमिंगटन में स्थित बाइडेन ने अपने आवास पर मोदी का स्वागत किया और दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले। इसके बाद बाइडेन मोदी का हाथ पकड़कर उन्हें अपने घर के अंदर लेकर गए जहां द्विपक्षीय वार्ता हुई। बाइडेन ने ‘एक्स’ पर कहा, “भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत प्रसन्न होता हूं। आज भी कुछ अलग नहीं था।”
क्वाड को कैसे देखता है चीन?
पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद हैं। अमेरिकी दल में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के सहायक टी एच जेक सुलिवन और भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी शामिल हैं। अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी की हैं। चार सदस्यीय क्वाड एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की वकालत करता है। चीन इसे विरोधी समूह के रूप में देखता है।
भारतीय प्रवासियों ने किया पीएम मोदी का स्वागत
इससे पहले अमेरिका पहुंचने पर भारतीय प्रवासियों के एक बड़े समूह ने फिलाडेल्फिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत किया। मोदी ने पारंपरिक परिधान पहने लोगों के समूह का अभिवादन किया, जिनमें से कई लोगों ने भारतीय तिरंगा थाम रखा था। वह सुरक्षा घेरे में चले, उनमें से कुछ को ‘ऑटोग्राफ’ दिए और कुछ अन्य से हाथ मिलाया। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय समुदाय ने अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके साथ बातचीत करना हमेशा खुशी की बात होती है।”
क्वाड नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान, जानें
अमेरिकी में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। क्वाड शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन जंग से लेकर दुनिया में आतंकवाद और चीन को लेकर चर्चा की गई। क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। हम विवादित विशेषताओं के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं।
दक्षिण चीन सागर को लेकर जारी हुआ संयुक्त बयान: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ”हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए”
यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर जताई चिंता: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया “हम यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिसमें भयानक और दुखद मानवीय परिणाम शामिल हैं।
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों की निंदा: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया “हम उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।”
आतंकवाद की निंदा: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ”हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर भी जारी हुआ संयुक्त वक्तव्य
क्वाड नेताओं ने अपने संयुक्त वक्तव्य यह भी कहा ”संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार के माध्यम से इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे। स्थायी सीटों के इस विस्तार में सुधारित सुरक्षा परिषद में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन का प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए।”