तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति और ट्रायलैंग्वेज को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी रविवार को रामेश्वरम पहुंचे। इस दौरान CM स्टालिन न ही उन्हें रिसीव करने पहुंचे और न ही कार्यक्रम में पहुंचे।
PM मोदी ने रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज और और अन्य योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। जनसभा के दौरान उन्होंने भाषा विवाद का जिक्र किए बिना DMK नेताओं और CM एमके स्टालिन को नसीहत दे दी। PM ने कहा- मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि वे डॉक्टरी की पढ़ाई तमिल भाषा में कराएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के कई नेताओं की चिटि्ठयां मेरे पास आती हैं। आश्चर्य की बात है कि कोई नेता तमिल में सिग्नेचर नहीं करता। तमिल का गौरव बने, इसलिए इन लोगों को स्थानीय भाषा में सिग्नेचर करना चाहिए।
DMK सरकार हिंदी को लागू नहीं करना चाहती तमिलनाडु सरकार पिछले दो महीने से नई शिक्षा नीति के तहत राज्य में ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी लागू करने का विरोध कर रही है। पॉलिसी के तहत तमिल, अंग्रेजी के अलावा हिंदी को भी शिक्षा के माध्यम में शामिल करने का प्रस्ताव है। DMK चीफ और CM स्टालिन इसका विरोध कर रहे हैं।
PM मोदी की रामेश्वरम यात्रा की 4 तस्वीरें…




प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम मंदिर में दर्शन किए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामनवमी पर तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री 3 दिन के श्रीलंका दौरे से सीधे रामेश्वरम पहुंचे। श्रीलंका से लौटते हुए मोदी ने विमान से रामसेतु देखा। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया है। मोदी ने लिखा-
श्रीलंका से लौटते हुए विमान से रामसेतु के दर्शन किए। यह तभी हुआ, जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक हो रहा था। यह दिव्य अनुभव था। प्रभु श्रीराम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनकी कृपा सदैव हम पर बनी रहे।
मोदी पिछले साल भी रामेश्वरम आए थे। यहां अग्नि तीर्थम पर डुबकी लगाने के बाद रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने रामायण पाठ और भजन संध्या में भी हिस्सा लिया था।
मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम से जुड़े उन सभी मंदिरों में दर्शन किया था, जिनका रामायण में जिक्र है। इसी कारण से वे रामनाथस्वामी मंदिर आए थे।

पीएम ने कहा- आज भी देखिए कितना सुखद संयोग है। रामनवमी का पवित्र दिन है, रामेश्वरम की धरती है। यहां पर पम्बन ब्रिज का उद्घाटन हुआ। 100 साल पहले जिसने यह ब्रिज बनाया, वह गुजरात में पैदा हुआ था। आज नए ब्रिज का जिसने उद्घाटन किया उसका जन्म भी गुजरात में हुआ है।
साथियों, आज जब राम नवमी है। रामेश्वर की पवित्र भूमि है। तब मेरे लिए भावुक पल भी है। आज भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है। विकसित और समृद्ध भारत का जो लक्ष्य हम लेकर चल रहे हैं, उसमें एक-एक कार्यकर्ता का काम है। तीन-चार पीढ़ियां इसमें खप गई हैं। भाजपा के इस विचार ने आज हमें ये काम करने का मौका दिया है।
आज के देश के लोग भाजपा सरकार में गुड गवर्नेंस देख रहे हैं। आज हर हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो रहा है। साथियों, देश के हर राज्य, हर कोने में भाजपा कार्यकर्ता जिस तरह जमीन से जुड़कर काम करते हैं। गरीबों की सेवा करते हैं। उसे देखकर मुझे गर्व होता है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं। उनका आभार व्यक्त करता हूं।
मैं एक बार फिर तमिलनाडु के सभी भाई-बहनों को डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए बधाई देता हूं। भारत माता की जय…
पीएम ने कहा- मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं, जब तमिलनाडु के कुछ नेताओं की चिट्ठियां मेरे पास आती हैं। कभी कोई नेता तमिल भाषा में सिग्नेचर नहीं करता। तमिल का गौरव हो, कम से कम तमिल में सिग्नेचर तो करो।
पीएम ने कहा- आज दुनिया में भारत के प्रति आकर्षण बढ़ा है। लोग भारत आना चाहते हैं, भारत को समझना चाहते हैं। तमिल भाषा और धरोहर दुनिया के कोने-कोने में पहुंचे। इसके लिए सरकार कोशिश कर रही है। मैं मानता हूं 21वीं सदी में इस महान परंपरा को और आगे ले जाना है। मुझे विश्वास है रामेश्वरम और तमिलनाडु की ये धरती हमें नई प्रेरणा देती रहेगी।
पीएम ने कहा- हमें आपकी रक्षा-सुरक्षा की भी चिंता है। भारत सरकार मछुआरों के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार के प्रयास से 4 हजार से ज्यादा मछुआरे श्रीलंका से वापस लौटे हैं। इसमें 600 से ज्यादा बीते साल फ्री हुए। कुछ को फांसी की सजा हुई थी। उन्हें भी श्रीलंका से जिंदा वापस लाए और उनके परिवारों को सौंपा है।
पीएम ने कहा- भारत के टैक्सपेयर का दिया हर पैसा गरीब के काम आए, यही गुड गवर्नेंस है। तमिलनाडु के लाखों छोटे किसानों को 12 हजार करोड़ रुपए पीएम किसान योजना के तहत दिए गए हैं। भारत की ग्रोथ में हमारी ब्लू इकोनॉमी का बड़ा रोल होने वाला है।
तमिलनाडु की ताकत दुनिया देख सकती है। मछलियों के काम से जुड़ा तमिलनाडु का समाज बहुत मेहनती है। इसके लिए जो मदद चाहिए वो केंद्र सरकार इस समाज को दे रही है। पिछले 5 साल में पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के तहत तमिलनाडु को करोड़ों रुपए मिले हैं। हमारी कोशिश है कि मछुआरों को ज्यादा फैसिलिटी मिले, आधुनिक सुविधाएं मिलें। चाहे फिशिंग हार्बर, लैंडिंग सेंटर हो। केंद्र सरकार यहां करोड़ों रुपए इन्वेस्ट कर रही है।
राज्य सरकार तमिल भाषा में मेडिकल कोर्स शुरू करे: पीएम मोदी
तमिलनाडु में 1400 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र हैं। यहां 80 फीसदी डिस्काउंट पर दवाएं मिलती हैं। इससे भी तमिलनाडु के लोगों की 7 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई। देश के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए विदेश जाने की मजबूरी नहीं रहे। इसके लिए बीते सालों में तमिलनाडु को 11 मेडिकल कॉलेज मिले हैं।
अब गरीब से गरीब बेटा-बेटी भी डॉक्टर बने सकते हैं। मैं तमिलनाडु सरकार से कहना चाहता हूं कि वे तमिल भाषा में मेडिकल कोर्स जारी करें, ताकि अंग्रेजी ने जानने वाले गरीब परिवार के बेटे-बेटी भी डॉक्टर बन सकें।
पीएम ने कहा- बीते दशक में भारत ने सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड निवेश किया। 10 साल में 4 करोड़ से ज्यादा घर देश के गरीब परिवारों को मिले हैं। पीएम आवास योजना के तहत 12 लाख से ज्यादा पक्के घर तमिलनाडु के मेरे गरीब भाई-बहनों को मिले हैं।
पिछले 10 सालों में गांवों में रहने वाले 12 करोड़ परिवारों को पाइप से पानी पहुंचाया गया है। इनमें 1 करोड़ से ज्यादा परिवार तमिलनाडु के हैं। इसका बहुत बड़ा फायदा तमिलनाडु की मेरी माताओं-बहनों को मिला है।
आयुष्मान योजना के तहत तमिलनाडु के परिवारों के 1 करोड़ से ज्यादा इलाज हो चुके हैं। इससे तमिलनाडु के लोगों के 8 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई। ये बहुत बड़ा आंकड़ा है।
आज करीब 8 हजार करोड़ रुपए के रोड प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों के अलावा आंध्र प्रदेश के साथ कनेक्टिविटी बेहतर होगी। चेन्नई मेट्रो जैसा मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट ईज ऑफ ट्रैवल को बढ़ा रहा है।
इससे हर सेक्टर में नई जॉब भी पैदा हो रही हैं। नौजवानों को नए मौके मिलते हैं। तमिलनाडु विकसित भारत या विकसित भारत की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेरा मानना है कि तमिलनाडु की क्षमता का एहसास होने पर देश का समग्र विकास बेहतर होगा।
2014 के बाद तमिलनाडु में 4 हजार किमी रोड बनी
बीते एक दशक में तमिलनाडु का रेल बजट सात गुना से ज्यादा बढ़ाया गया है। इसके बावजूद कुछ लोगों को रोते रहने की आदत है, वे रोते रहते हैं। 2014 से पहले रेल प्रोजेक्ट के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपए ही मिलते थे।
उस समय INDI अलायंस के मुख्य कर्ताधर्ता कौन थे, वो आपको पता है। इस बार तमिलनाडु का रेल बजट 6 हजार करोड़ से ज्यादा है। यहां के 77 रेलवे स्टेशन मॉर्डन बनाए जा रहे हैं। इसमें रामेश्वर का रेलवे स्टेशन भी शामिल है। बीते 10 साल में पीएम ग्राम सड़क योजना में बढ़ोतरी हुई है। हाईवे निर्माण में बहुत काम हुआ है। 2014 के बाद तमिलनाडु में 4 हजार किमी रोड बनी है।
पीएम बोले- तमिलनाडु में व्यापार और पर्यटन दोनों को फायदा होगा
पीएम मोदी ने कहा- नई ट्रेन सेवा से रामेश्वरम से चेन्नई और देश के अन्य हिस्सों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे तमिलनाडु में व्यापार और पर्यटन दोनों को फायदा होगा। युवाओं के लिए नई नौकरियां और अवसर भी पैदा होंगे।
विकसित भारत के लिए तमिलनाडु का बड़ा रोल है। तमिलनाडु का साइज जितना बढ़ेगा, भारत को उसका फायदा मिलेगा। INDI अलायंस की सरकार में DMK के दौरान जो पैसा मिला, उससे तीन गुना पैसा तमिलनाडु को हमारी सरकार ने दिया है। इससे तमिलनाडु की इकोनॉमी और ग्रोथ को बहुत मदद मिली है।
मोदी ने कहा- मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि आज मैं रामनाथस्वामी मंदिर में प्रार्थना कर सका। इस विशेष दिन पर मुझे 83,00 करोड़ रुपए की विकास परियोजना को सौंपने का अवसर मिला। मैं इन परियोजनाओं के लिए तमिलनाडु के अपने भाइयों और बहनों को बधाई देता हूं।
देश के हर रीजन कनेक्ट के होने से देश मजूबत होता: पीएम
पीएम ने कहा- वंदे भारत, अमृत भारत, नमो भारत जैसी ट्रेन भारतीय रेल को और आधुनिक बना रही हैं। साथियों, भारत का हर रीजन आपस में कनेक्ट होता है, तो डेवलप नेशन बनाने का रास्ता मजबूत होता है।
दुनिया के हर डेवलप रीजन में यही हुआ है। भारत का हर स्टेट आज जब आपस में कनेक्टर हो रहा है, इसका पोटेंशियल सामने आ रहा है। इसका बेनिफिट हर रीजन को हो रहा है, तमिलनाडु को हो रहा है।
मोदी ने कहा- पम्बन ब्रिज का सकारात्मक प्रभाव तमिलनाडु के विकास पर पड़ेगा। इससे यहां के लाखों लोगों का विकास होगा। इस ब्रिज के बनने से रामेश्वर से चेन्नई तक नई ट्रेनें चलेंगी। देश के अन्य हिस्सों से रामेश्वरम रेल मार्ग से जुड़ेगा। लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
साथियों बीते 10 सालों में भारत ने अपनी इकोनॉमी का साइज 10गुना किया है। बीते 10 साल में हमने गैस, पानी, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं का बजट 10 गुना बढ़ाया है। हजारों साल पुराने शहर को 21वीं सदी के इंजीनियरिंग चमत्कार से जोड़ा जा रहा है।
मैं अपने इंजीनियरों और श्रमिकों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देता हूं। यह पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है। इसके नीचे से बड़े जहाज गुजर सकेंगे। इस पर ट्रेनें भी तेजी से चल सकेंगी।मैंने अभी कुछ देर पहले ही एक नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई है।
आज देश में बहुत तेजी से काम हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज में से एक चिनाब ब्रिज बना है। मुंबई में सबसे लंबा सी ब्रिज अटल सेतु बना है। इसी तरह ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहे हैं।
भगवान राम का सुशासन राष्ट्र निर्माण की नींव है: पीएम मोदी
आज राम नवमी का पावन पर्व है, अब से कुछ समय पूर्व अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला का सूर्य की किरणों ने भव्य तिलक किया है। भगवान श्रीराम का जीवन, उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का बड़ा आधार है।
जनसभा की शुरुआत में मोदी ने कहा- तमिलनाडु के संगम कालीन साहित्य में भी भगवान श्रीराम के बारे में कहा गया है। मैं रामेश्वरम से पूरे देश को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

श्रीलंका से लौटते हुए पीएम मोदी ने विमान से रामसेतु देखा। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया है। मोदी ने लिखा-
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर हिंदुओं के चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। इसे रामेश्वरम मंदिर के नाम से प्रसिद्धि हासिल है। ‘रामेश्वरम’ का अर्थ भगवान राम के आराध्य भगवान शिव से है।
मान्यता है कि भगवान राम ने लंका युद्ध में हुई मौतों के प्रायश्चित के लिए तपस्या करने का फैसला किया था। रावण ब्राह्मण था और भगवान शिव का परम भक्त था। भगवान शिव रावण की मृत्यु से क्रोधित थे। इस वजह से भगवान राम ने शिव पूजा करके उन्हें प्रसन्न करना चाहते थे।
स्कंद पुराण के अनुसार तमिल महीने ‘अनी’ (हिंदी का ज्येष्ठ माह) के शुक्ल पक्ष की दशम तिथि पर इसी जगह प्रायश्चित यज्ञ किया था। इसके एक शिवलिंग की जरूरत थी। भगवान राम ने हनुमान जी को स्फटिक (एक तरह का पत्थर) का शिवलिंग लाने के लिए कैलाश पर्वत भेजा था।

हनुमान जी शुभ मुहूर्त तक वापस नहीं आ पाए। तब सीता जी ने रेत से एक शिवलिंग बनाया और उसकी पूजा ‘रामनाथ’ यानी ‘राम के भगवान’ के रूप में की गई। मंदिर के गर्भगृह में वही ‘रामलिंगम’ विराजमान हैं।
हनुमान जी की वापसी तक यज्ञ संपन्न हो चुका था। यह देखकर वे बहुत निराश हुए। उन्होंने रेत के शिवलिंग को अपनी पूंछ में लपेटकर हटाने की कोशिश की, लेकिन असफल हुए। वे यज्ञ स्थल पर स्फटिक का शिवलिंग स्थापित करना चाहते थे। कहा जाता है कि रामलिंगम पर अभी भी उनकी पूंछ के निशान हैं।
हनुमान जी को निराश देखकर भगवान राम को दया आ गई। तब उन्होंने कहा कि दोनों शिवलिंग को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इतना ही नहीं हनुमान जी के लाए गए शिवलिंग की पूजा के बाद रामलिंगम की पूजा की जाएगी। इसे आज ‘विश्वलिंग’ कहा जाता है।
इस वजह से मंदिर के गर्भगृह में दो शिवलिंग हैं। विश्वलिंग को ज्योतिर्लिंग माना जाता है क्योंकि इसे स्वयं भगवान शिव ने हनुमान जी को दिया था। इसे ‘स्वयंभू’ यानी प्रकट हुआ शिवलिंग माना जाता है।

भगवान राम ने भी अग्नि तीर्थम में स्नान किया था
रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन से पहले अग्नि तीर्थम में स्थान करना जरूरी है। कहा जाता है कि भगवान राम ने यज्ञ करने से पहले यहां स्नान किया था। अग्नितीर्थम में स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिर के अंदर बने 22 कुंडों के जल से भी स्नान करते हैं।
इन कुंडों को तीर्थम कहा जाता है। ये 22 देवी-देवताओं को समर्पित हैं। उन्हीं देवों के नाम पर इन कुंडों को पहचाना जाता है। इन कुंडों को भगवान राम की ओर से युद्ध में इस्तेमाल किए गए 22 बाणों का भी प्रतीक माना जाता है।
इनमें सबसे पवित्र ‘कोडि तीर्थम’ को माना जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने धरती पर तीर चलाकर इस कुंड को बनाया था। इससे निकले जल का उपयोग मंदिर की पूजा में किया जाता है।