Pitru Paksha: श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) के अवसर पर मध्य प्रदेश के इंदौर सेंट्रल जेल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पुरुष और महिला कैदियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ तर्पण किया. यह आयोजन जेल प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 250 कैदियों ने भाग लिया.
पितृ तर्पण का धार्मिक आयोजन हिन्दू धर्म के उन परंपरागत कर्मों में से एक है, जिसमें पितरों या पूर्वजों को जल और अन्न अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति की कामना की जाती है. इसी धार्मिक मान्यता के तहत जेल प्रशासन ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया, ताकि कैदी भी अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट कर सकें.
कार्यक्रम की समग्र विधि उज्जैन से आए पंडित श्याम जी पंडा द्वारा संपन्न की गई. पंडित श्याम ने तर्पण की विधि का विस्तार पूर्वक पालन करते हुए कैदियों को इस कर्मकांड से जोड़ा और उन्हें धार्मिक रूप से इस प्रक्रिया में शामिल किया.
जेल अधीक्षक ने क्या कुछ कहा?
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने कहा कि इस तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. यह आयोजन कैदियों को अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने का एक अवसर प्रदान करता है, जिससे उनका आत्मसम्मान बढ़ता है और वे अपने कर्मों के प्रति जागरूक होते हैं.
कार्यक्रम में जेल के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. जेल अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम न केवल कैदियों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था, बल्कि यह उनके पुनर्वास के प्रयासों में भी एक सशक्त पहल साबित हो सकता है.
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