पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी सरकार को मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए. दरअसल इन दिनों इमरान खान की तुरंत रिहाई को लेकर उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं, जिसके चलते पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तान में जनता के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इन्हें दबाने के बजाय शांतिपूर्ण तरीके से संभालना चाहिए. प्रदर्शन के बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान में घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने की बात कही है. वहीं, इमरान खान के समर्थक विरोध जारी रखने पर अड़े हुए हैं, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है.
प्रदर्शन हुआ और भी हिंसक
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है. इस्लामाबाद के डी चौक पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी पहुंच गए हैं. राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट जैसे अहम संस्थानों के पास प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की. कुल मिलाकर मामला अभी तक शांत नहीं हुआ बल्कि लगातार बढ़ ही रहा है. वहीं प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हाईवे पर लगाए गए शिपिंग कंटेनरों और बैरिकेड्स को भारी मशीनों की मदद से हटा दिया.
कई सुरक्षाकर्मी जख्मी, धारा 245 लागू
प्रदर्शन के दौरान श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों पर गाड़ियां चढ़ा दी गईं, जिसमें 4 सैनिक और 2 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था संभालने के लिए धारा 245 लागू कर दी गई है और सेना को प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है. वहीं सेना को किसी भी क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का अधिकार दिया गया है.
बुशरा बीबी का संदेश: लड़ाई जारी रहेगी
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा कि यह केवल इमरान खान की नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि जब तक इमरान खान को रिहा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया.