ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा, ‘आप लोग (BJP) ट्यूबलाइट हैं। इस तरह से अदालत को धमकी दे रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है? इसे भीमराव अंबेडकर ने बनाया था।’
धार्मिक युद्ध की दे रहे धमकी
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा, ‘बीजेपी धोखाधड़ी कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी दे रही है। आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए कि आप अदालत को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं।’
नहीं रोका तो देश हो जाएगा कमजोर
ओवैसी ने आगे कहा, ‘मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर हो जाएगा। देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे।’
धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार- दुबे
बता दें कि शनिवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर देश में धार्मिक युद्ध भड़काने का आरोप लगाया था। बीजेपी नेता दुबे ने एएनआई से कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का एक ही उद्देश्य है ‘मुझे चेहरा दिखाओ, मैं तुम्हें कानून दिखाऊंगा’। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से परे जा रहा है। अगर हर चीज के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है, तो संसद और राज्य विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।’
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और क्या बोले निशिकांत दुबे?
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद दुबे ने कहा, ‘अनुच्छेद 368 कहता है कि संसद को सभी कानून बनाने का अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति और राज्यपाल से पूछ रही है कि वे बताएं कि विधेयकों के संबंध में उन्हें क्या करना है। जब राम मंदिर या कृष्ण जन्मभूमि या ज्ञानवापी की बात आती है, तो आप (SC) कहते हैं ‘हमें कागज दिखाओ’। लेकिन जब मुगलों के आने के बाद बनी मस्जिदों की बात आती है, तो आप कहते हैं कि दिखाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है।”
बीजेपी ने दुबे और दिनेश शर्मा के बयानों से किया किनारा
बीजेपी ने दुबे की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश पर सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की टिप्पणियों से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है। ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं लेकिन बीजेपी न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। बीजेपी इन बयानों को पूरी तरह से खारिज करती है।’