उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा पर समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने शनिवार को बयान देते हुए कहा था कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं किया जाता और इस कारण से ऐसी आपदा आई है. अपने दिए इस बयान पर अब उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हमने अपने ईको सिस्टम तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की है
धराली में बादल फटने को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कहा कि हमने अपने ईको सिस्टम पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है, हमने अंधाधुंध पेड़ों को की कटाई की है, जिसकी वजह से पर्यावरण प्रभावित हुआ है और इस तरह की आपदाएं आईं हैं. हम एक धार्मिक देश में रहते हैं, चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई हों और हम मानते हैं कि जो कुछ भी होता है वह हमारे निर्माता, ईश्वर के द्वारा होता है. हमने उन्हें नाराज किया है, हमने मंदिरों और मस्जिदों पर बुलडोजर चलाकर आस्था को चोट पहुंचाई है.
सपा नेता एसटी हसन के बयान पर एआईआईए के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि जहां कहीं पर भी अत्याचार बढ़ता है, वहां पर ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का आना स्वाभाविक होता है. चाहे वह अत्याचार धार्मिक हो या सामाजिक, यह ईश्वर पर निर्भर करता है. हमें हर चीज को राजनीति से जोड़ने से बचना चाहिए. उन्होंने जंगल काटने की जो बात कही वो बहुत अजीब है, ऐसा बयान केवल सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिया जा रहा है. उत्तराखंड को बने ज्यादा समय नहीं हुआ है और इसीलिए राज्य सरकार के पास इन आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी नहीं हो पाई है. हमें इन घटनाओं को राजनीति से अलग करके देखना चाहिए.
एसटी हसन ने उत्तरकाशी में आई आपदा को धर्म से जोड़ते हुए कहा था कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरों के धर्म का सम्मान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि क्या दुनिया को चलाने वाला कोई और है? उन्होंने ये भी कहा था कि जब ऊपर वाले का न्याय होता है, तो इंसान कहीं से भी खुद को बचा नहीं सकता.
एसटी हसन के बयान की कड़ी आलोचना
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने एसटी हसन के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए शनिवार को कहा था कि किसी भी आपदा को केवल आपदा के रूप में देखना चाहिए, न कि इसे हिंदू मुस्लिम का रंग दिया जाए. मौलाना शहाबुद्दीन ने यह भी कहा था कि समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने इस घटना को हिंदू-मुस्लिम रंग दे दिया, जो कि पूरी तरह से गलत है.
उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 6 की मौत हो चुकी है, और कई लोग लापता हैं.