राजधानी दिल्ली की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिल गया है. रविवार को शब-ए-बारात के दिन के मौके पर मस्जिद के निवर्तमान शाही इमाम, सैयद अहमद बुखारी ने नए इमाम की घोषणा की. उन्होंने अपने बेटे सैयद उसामा शाबान बुखारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. जिसके बाद अब शाबान अपने पिता की जगह शाही इमाम की जगह लेंगे.
शब-ए-बारात के मुबारक मौके पर जामा मस्जिद में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान सैयद अहमद बुखारी ने अपने उत्तराधिकारी घोषणा की. जिसके बाद उसामा शाबान की 14वें शाही इमाम के तौर पर दस्तारबंदी की गई. यानी रिवाज के मुताबिक उन्हें पगड़ी पहनाई गई. ये एक रस्म होती है. इस दौरान कई बड़े मुस्लिम उलेमाओं के साथ ही तमाम लोग मौजूद थे. इस मौके पर जामा मस्जिद को बेहद खूबसूरत तरह से सजाया गया था. जगह जगह शाही इमाम और उनके बेटे की तस्वीरों के पोस्टर लगाकर उन्हें मुबारकबाद दी गई.
पिता की जगह लेंगे उसामा शाबान
इससे पहले नवंबर 2014 में सैयद अहमद बुखारी ने अपने बेटे शाबान का नाम नायब इमाम के लिए घोषित किया था, हालांकि इस बात को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. बताया जा रहा है कि फिलहाल इमाम की जिम्मेदारी सैयद अहमद बुखारी ही निभाएंगे, लेकिन अगर उनकी तबीयत खराब होती है या सेहत से संबधित कोई परेशानी होती है तो उनकी जगह शाबान अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे.
मुगल काल से चली आ रही परंपरा
मुगल काल से ये ही ये रिवाज है कि अपने जीवन काल में शाही इमाम अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर देते हैं. आज भी ये रिवाज ब दस्तूर जारी है. इसी रिवाज और परंपरा को निभाते हुए सैयद अहमद बुखारी ने अपने उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान किया. इस खास मौके पर सैयद अहमद बुखारी ने बताया कि जामा मस्जिद के पहले इमाम को 63 साल की उम्र में शाही इमाम नियुक्त किया गया था. जिनका नाम हजरत सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी था. ये परंपरा पिछले 400 साल से ज्यादा समय से चली आ रही है.
आपको बता दें कि सैयद अहमद बुखारी वंश के 13वें इमाम हैं, वो 12वें शाही इमाम सैयद अब्दुल्ला बुखारी के बेटे हैं, जिनकी 2009 में 87 साल की उम्र में मौत हो गई थी. जिसके बाद अक्टूबर 2000 में सैयद अहमद बुखारी ने अपने पिता के बाद जामा मस्जिद के शाही इमाम की जिम्मेदारी संभाली थी.