Odisha Assembly: ओडिशा के 12 विधायकों ने आज पूरी रात विधानसभा में ही काटी. यह सभी विधायक कांग्रेस के थे. इन विधायकों को मंगलवार (25 मार्च) को सदन से निलंबित किया गया था. इसके बाद विधायकों ने विधानसभा में ही रात गुजारने का फैसला किया.
एक ओर जहां कांग्रेस के विधायक रातभर विधानसभा के अंदर थे, वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन जारी रहा. युवक कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे रहे. पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया. कुल मिलाकर बीती रात विधानसभा में पूरी तरह गहमागहमी वाली रात बनी रही.
महिलाओं के खिलाफ अपराध पर कमिटी बनाने की मांग
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था. कांग्रेस के विधायक BJP सरकार के आठ महीनों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे. बात न सुनी जाने पर विधायकों ने विरोध और तेज कर दिया. वे सदन में घंटी बजाने लगे, ‘राम धुन’ गाना शुरू कर दिया. कांग्रेस विधायक सीटी, बांसुरी और झांझ बजाकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालते नजर आए.
14 बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को हालत यह हो गई थी कि स्पीकर को 14 बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. कांग्रेस विधायक जहां भजन गाकर विरोध कर रहे थे, वहीं BJD विधायक भी शिक्षा और रोजगार में ST, SC और OBC आरक्षण की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे. आखिरी में स्पीकर सुरमा पाढ़ी को कठोर फैसला लेना पड़ा. उन्होंने कांग्रेस के 12 विधायकों पर एक्शन लेते हुए उन्हें सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया.
‘हम डरने वाले नहीं’
मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में अनुशासनहीनता के कारण कांग्रेस के जिन विधायकों को निलंबित किया गया, उनमें सागर चरण दास, मंगू खिल्ला, अशोक कुमार दास, सत्यजीत गोमांगो, दशरथी गोमांगो और सोफिया फिरदौस जैसे बड़े नेता शामिल हैं. हंगामे के दौरान कांग्रेस नेता ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना सदन में मौजूद नहीं थे. इसलिए ये दोनों दिग्गज निलंबन से बच गए. हालांकि यह दोनों नेता भी रातभर विधानसभा में धरना देते दिखे.
ताराप्रसाद बहिनीपति ने कहा कि हमने सदन के अंदर ही रात बिताने और कमेटी बनाने की मांग जारी रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा सरकार चाहें तो मार्शल या पुलिस का इस्तेमाल करके हमें बाहर निकाल दें लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.