नेपाल में मानसून ने कोहराम मचा रखा है. देश में पिछले 24 घंटों में तेज बारिश की वजह से हुए भूस्खलन और बाढ़ के चलते कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है. वहीं कई लोग घायल हो गए हैं. नेपाल में गृह मंत्रालय के अधीन नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीआरएमए) से मिली जानकारी के मुताबिक 14 लोगों में से आठ लोग भूस्खलन , जबकि पांच लोग बिजली गिरने और एक व्यक्ति की बाढ़ की वजह से मौत हो गई है.
एनडीआरएमए के प्रवक्ता दीजन भट्टाराई ने बताया कि उन्होंने 26 जून को कुल 44 घटनाएं दर्ज की, जिसमें से 14 लोगों की जान चली गई. वहीं घटना में 2 लोग अभी भी लापता हैं जबकि 10 लोग घायल हुए हैं. नेपाल गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार देश में मानसून के सक्रिय होने के बाद से 33 जिले प्रभावित हुए हैं, जिसमें 147 घटनाएं दर्ज की गई हैं
28 लोगों की जा चुकी है जान
मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले 17 दिनों में कुल 28 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों की जान चली गई है, जबकि भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत हुई है. इस साल नेपाल में मानसून समय पर पहुंचा और देश में भीषण बारिश की वजह से मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि मानसून के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं से 1.8 मिलियन लोग प्रभावित हो सकते हैं.
हर साल नेपाल में बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित होते हैं, जबकि भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोग विस्थापित हो जाते हैं. नेपाल में मानसून का मौसम 13 जून को शुरू होता है और लगभग तीन महीने तक सक्रिय रहता है. ऐसे में ये 23 सितंबर को समाप्त होता है. पिछले साल, यह सामान्य शुरुआत के दिन से एक दिन देरी यानी 14 जून को शुरू हुआ था.