हंगरी के प्रधानमंत्री ओरबान 5 जुलाई को रूस का दौरा करेंगे. व्लादिमीर पुतिन से वो मुलाकात करेंगे. हंगरी के प्रधानमंत्री रूस के खिलाफ नाटो की जंग के विरोधी रहे हैं. इस तरह ये माना जा रहा है कि पुतिन ने नाटो में सबसे बड़ी सेंध लगाई है. हंगरी नाटो का सदस्य है. रूस-यूक्रेन जंग के दौरान पहली बार कोई यूरोपीय राष्ट्राध्यक्ष रूस के दौरे पर पहुंच रहा है.
प्रधानमंत्री ओरबान रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने से पहले कीव जाकर जेलेंस्की से मुलाकात कर चुके हैं.रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी तीन बड़ी खबरें भी आ रही हैं. राष्ट्रपति पुतिन ने जंग रोकने को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के प्लान की की तारीफ कर रहे हैं. जंग रोकने के लिए चीन की मध्यस्थता को लेकर पुतिन और शी जिनपिंग के बीच बात भी हुई है.
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि अगर वो राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन-रूस युद्ध 24 घंटे में खत्म करा देंगे. ट्रंप ने कई बार कहा है कि वो यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के बाद युद्ध रुकवा सकते हैं. राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बहस के दौरान ट्रंप ने कहा था, अगर हमारे पास एक असली राष्ट्रपति होता तो पुतिन यूक्रेन पर कभी आक्रमण नहीं करते.
4 अप्रैल 1949 को हुआ था नाटो का गठन
वर्तमान में नाटो (North Atlantic Treaty Organization) के 32 सदस्य देश हैं. ये देश नाटो के जरिए राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करने और आम सहमति से निर्णय लेने के लिए एक साथ आते हैं. नाटो का गठन 4 अप्रैल 1949 को यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 12 देशों ने किया था. तब से अबतक 20 और देश इसमें शामिल हो चुके हैं.
रूस यूक्रेन युद्ध
2022 में रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेनी सेना ने बड़ी बहादुरी से उसका सामना कर रही है. अधिकांश लड़ाई यूक्रेन के दक्षिण और पूर्व में केंद्रित रही है. यूक्रेनी सेना नाटो अमेरिका के हथियारों की मदद से रूस की सेना को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही है.