प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बदलाव लाने वाली लड़कियों की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है जहां लड़कियों को सीखने, बढ़ने और फलने-फूलने का पूरा अवसर मिले। उन्होंने लड़कियों के अधिकारों और महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाए जाने वाले राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ये टिप्पणियां कीं। मोदी ने कहा, ”राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हम लड़कियों की अदम्य भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। हम सभी क्षेत्रों में प्रत्येक लड़की की क्षमताओं को भी पहचानते हैं।” उन्होंने कहा, ”वे बदलाव लाने वाली लड़कियां हैं जो हमारे देश और समाज को बेहतर बनाती हैं। पिछले दशक में, हमारी सरकार ने एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने का प्रयास किया है जहां हर लड़की को सीखने, बढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिले।
राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाते हैं?
मोदी सरकार ने बाल लिंग अनुपात को बढ़ाने और विभिन्न पहलों के माध्यम से लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए 2015 में अपनी महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की थी। आपको बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ इन अपराधों से बचाने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों की सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
24 जनवरी को इसे मनाने की खास वजह क्या है?
राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में हुई थी. पहली बार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 24 जनवरी 2008 को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया था. 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की एक खास वजह है. यह दिन देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है। 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
देश की बेटी के इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने की उपलब्धि को हर साल याद रखने और महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 24 जनवरी को महत्वपूर्ण माना गया।
बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
यह दिन देश की लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें समाज में विकास के समान अवसर और सम्मान प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा इसका उद्देश्य लड़कियों के प्रति होने वाले भेदभाव के प्रति सभी को जागरूक करना भी है।