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मुंबईः मुंबई की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है, जिसमें लाखों नाम दोहराए जाने का मामला उजागर, अब बीएमसी और राज्य चुनाव आयोग ने बड़ी सफाई मुहिम शुरू की

मुंबईः मुंबई की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है, जिसमें लाखों नाम दोहराए जाने का मामला उजागर हुआ है। हालिया समीक्षा के बाद अब बीएमसी और राज्य चुनाव आयोग ने बड़ी सफाई मुहिम शुरू की है। राज्य चुनाव आयोग (SEC) के डेटा के अनुसार, मुंबई के कुल 1.03 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 11 लाख एंट्रीज डुप्लिकेट पाई गई हैं, जो कुल मतदाताओं का करीब 10.64% हिस्सा मानी जा रही हैं। ड्राफ्ट मतदाता सूची में ही 4.33 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा बार दर्ज मिले हैं और कुछ मामलों में तो एक ही नाम 100 से अधिक बार दर्ज पाया गया है।

डुप्लिकेट नामों के पिछे की वजह क्या है

बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, 11 लाख का यह आंकड़ा अलग-अलग व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दोहराई गई एंट्रीज का है जिन्हें सूची से हटाया जाना है। इन गड़बड़ियों के पीछे मतदाताओं का स्थानांतरण, प्रिंटिंग में चूक और मृत मतदाताओं के नाम समय पर न हटाए जाने जैसी प्रशासनिक लापरवाहियां मुख्य कारण मानी जा रही हैं।

सबसे अधिक प्रभावित वार्ड

जिन वार्डों में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां मिली हैं, उनमें कई वे क्षेत्र शामिल हैं जहां पहले शिवसेना (UBT) और एनसीपी (एसपी) के पार्षद रहे हैं। वरली का वार्ड 199 सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 8,207 नाम दोहराए गए हैं, जबकि घाटकोपर का वार्ड 131 (7,741), परेल-लालबाग का वार्ड 203 (7,624), कालाचौकी का वार्ड 205 (7,585) और सेंचुरी मिल का वार्ड 194 (7,584) भी डुप्लिकेट एंट्री की ऊंची संख्या वाले वार्डों में शामिल हैं।

समयसीमा और औपचारिक प्रक्रिया

SEC ने मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया की समयसीमा में बदलाव करते हुए आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराने की आखिरी तारीख 3 दिसंबर तय की है। आपत्तियां निपटाने और सुधार पूरा करने के बाद संशोधित अंतिम मतदाता सूची 10 दिसंबर को जारी की जाएगी।

बीएमसी की सफाई मुहिम

बीएमसी ने शहरभर में विशेष अभियान शुरू किया है ताकि मतदाता सूची को यथासंभव सटीक बनाया जा सके। बीएमसी का लक्ष्य है कि अंतिम सूची में हर वैध मतदाता का नाम केवल एक बार दर्ज रहे और सभी डुप्लिकेट एंट्रीज हटाई जा सकें।

नोडल अधिकारी और फील्ड वेरिफिकेशन

इस सुधार कार्य को तेज़ी देने के लिए 25 सहायक नगर आयुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। बूथ-स्तर के कर्मचारी घर-घर जाकर दस्तावेजों की जांच और मतदाताओं की पहचान की पुष्टि कर रहे हैं, ताकि किसी भी वैध मतदाता का नाम गलती से न कटे और फर्जी या दोहराए गए नाम हटाए जा सकें।

अभियान की अवधि

मतदाता सूची की सफाई के लिए चल रहा यह विशेष ड्राइव 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक निर्धारित किया गया है। इस अवधि में नागरिकों को भी अपील की गई है कि वे अपने नाम की स्थिति जांचें और किसी भी गलती पर समय रहते आपत्ति या सुझाव दर्ज कराएं।

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