मुंबई में एक बड़े घटनाक्रम में महाराष्ट्र पुलिस विभाग ने राज्यभर में चर्चित शालार्थ ID घोटाले में पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य स्तरीय एसआईटी (विशेष जांच दल) ने दो वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.
इसमें गिरफ्तारी में अधिकारियों में प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सिद्धेश्वर काळुसे और पूर्व माध्यमिक शिक्षा अधिकारी रोहिणी कुंभार शामिल हैं. इन दोनों पर करोड़ों रुपये की फर्जीवाड़े का आरोप है.
इस पूरे घोटाले में शालार्थ ID प्रणाली का ऑनलाइन दुरुपयोग कर बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों को नियुक्त किया गया, जिन्हें सरकारी वेतन के रूप में करोड़ों रुपये का भुगतान हुआ.
एसआईटी जांच में सामने आया कि बिना किसी आधिकारिक आदेश के, शिक्षा विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी मिलकर शालार्थ IDs जारी कर रहे थे. इसके बाद संगठित रूप से की गई इस फर्जीवाड़े की साजिश में रोहिणी कुंभार के कार्यकाल (21 मार्च 2022 से 15 मार्च 2024) और सिद्धेश्वर काळुसे के वर्तमान कार्यकाल (16 मार्च 2024 से अब तक) में सबसे ज्यादा फर्जी IDs जारी हुईं.
इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया लिया है. हालांकि, पुलिस ने रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस का कहना है कि इनकी पूछताछ से कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, इसलिए वे सेशन कोर्ट में रिवीजन अर्जी दाखिल करेंगे.
यह राज्य स्तरीय एसआईटी की पहली बड़ी कार्रवाई है और मामले में अभी और भी कई गिरफ्तारियां संभव हैं. शासन को इस घोटाले से भारी वित्तीय नुकसान हुआ है और जांच की आंच शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है.
शालार्थ ID क्या है?
यह शालार्थ ID महाराष्ट्र राज्य शिक्षा विभाग द्वारा संचालित एक ऑनलाइन डेटाबेस प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सरकारी और अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति, वेतन भुगतान और सेवा रिकॉर्ड को डिजिटल रूप देना है. इस ID के जरिए प्रत्येक शिक्षक का एक यूनिक पहचान क्रमांक बनाया जाता है, जिसके आधार पर उन्हें वेतन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं.