मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर चल रही अटकलों के बीच राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने मंगलवार को संकेत दिया कि चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे। साथ ही राज्य चुनाव आयोग ने वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के इस्तेमाल की संभावना से भी इनकार किया है, जिसकी विपक्ष ने आलोचना की है। महाराष्ट्र में पिछले तीन वर्षों से 29 नगर निगम प्रशासकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
अक्टूबर से दिसंबर के बीच चुनाव
वाघमारे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम अक्टूबर के अंत से चुनाव कराने की संभावना तलाश रहे हैं। आप कह सकते हैं कि चुनाव नवंबर-जनवरी में होंगे।” वाघमारे ने कहा कि वे दिवाली के बाद महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने चुनावों की घोषणा नहीं की है, लेकिन ये अक्टूबर के अंत से दिसंबर तक होंगे।”
वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं
वाघमारे ने कहा कि नगर निगम और स्थानीय स्वशासन निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अतीत में, स्थानीय स्वशासन निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। इस बार भी इनका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।” इस बीच,वाघमारे ने कहा कि जुलाई 2025 की मतदाता सूची महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों की तरह ही चार सदस्यीय वार्ड संरचना लागू की जाएगी राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग सहित आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) का रिएक्शन
शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा, “अगर स्थानीय स्वशासन निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो इससे चुनावों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते हैं। अगर मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया गया तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होना पड़ेगा।” कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी स्थानीय स्वशासन निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल न करने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सारंग कामटेकर ने कहा कि पुणे नगर निगम (पीएमसी) और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) दोनों के चुनाव 2022 के बाद से नहीं हुए हैं। कामटेकर ने कहा, “निर्वाचित निकायों की तत्काल आवश्यकता है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिवाली के बाद चुनाव कराने का कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि लोग त्योहारों में व्यस्त होंगे और तब मतदान कम होने की संभावना है। ऐसा लग रहा है कि चुनाव नवंबर-दिसंबर में चरणबद्ध तरीके से होंगे और जनवरी में भी हो सकते हैं।
किन नगर निकायों में होंगे चुनाव?
जिन नगर निकायों में चुनाव होने हैं, उनमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), पुणे, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, कोल्हापुर, डोंबिवली, कल्याण, छत्रपति संभाजी नगर और वसई-विरार शामिल हैं। मार्च में, राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से वार्डों का परिसीमन शुरू करने को कहा था। राज्य चुनाव आयोग ने यह कदम तब उठाया जब सर्वोच्च न्यायालय ने उसे चार सप्ताह के भीतर स्थानीय स्व-सरकारी निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण से संबंधित यथास्थिति बनाए रखने को भी कहा।