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अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि पीएम मोदी की इस यात्रा में यह तय होगा कि भारत-अमेरिका के बीच रिश्ते किस दिशा में जाएंगे और दोनों देशों के बीच किन विषयों पर बात होगी, प्रवासियों को हथकड़ी लगाने की वजह भी बताई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने उनकी इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजा क्योंकि यह कानून है। वह इस बात पर सहमत थे कि किसी को वापस उसके देश भेजते समय हथकड़ी नहीं लगाई जानी चाहिए।

मुकेश अघी ने कहा, “यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण यात्रा है। मूल रूप से, यह यात्रा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भू-राजनीतिक संरेखण जारी रहे। व्यापार पर दोनों देशों के बीच समझ महत्वपूर्ण होने जा रही है। आर्थिक एजेंडा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होने जा रहा है और जाहिर है कि अवैध प्रवास के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ट्रंप से मिलें, कम से कम वे दोनों अर्थव्यवस्थाओं के विकास को उच्च स्तर पर ले जाने के रूप में समान उद्देश्यों में संरेखित हैं। यह इस बारे में अपेक्षाएं स्थापित करने के बारे में भी है कि आप इस रिश्ते को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। क्या वे व्यापार पर चर्चा करेंगे, निश्चित रूप से वे व्यापार पर चर्चा करेंगे। क्या वे किसी तरह की व्यापार साझेदारी पर आगे बढ़ने के लिए सहमत होंगे? बिल्कुल।”

प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर क्यों भेजा?

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर भारत वापस भेजे जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा “मैं इस बात से सहानुभूति रखता हूं कि उन्हें हथकड़ी और जंजीरों में नहीं बांधा जाना चाहिए क्योंकि वे जा रहे हैं। लेकिन आपको समझना होगा कि एक कानून है और इसका उदाहरण स्ट्रॉस-कान है, आईएमएफ प्रमुख जिन्हें न्यूयॉर्क शहर में गिरफ्तार किया गया था और वे फ्रांस के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन्हें हथकड़ी लगाई गई। क्यों? क्योंकि यही कानून है? इसलिए मुझे लगता है कि अगर कोई कानून है, तो वे उस कानून का पालन कर रहे हैं और वे किसी के लिए अपवाद नहीं बना रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने अपील की है और अन्य लोगों ने इस पर बात की है। उम्मीद है कि इस प्रक्रिया के प्रति कुछ सहानुभूति होगी।”

 

फ्रांस के बाद अमेरिका जाएंगे पीएम मोदी

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मोदी की यात्रा भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को और गति एवं दिशा देगी। प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। अमेरिका की यात्रा से पहले, मोदी 10-12 फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे। वहां पर वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘एआई एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करेंगे। मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ‘इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर’ प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) स्थल काडारचे का दौरा करेंगे, जिसमें भारत साझेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली अमेरिकी यात्रा होगी।’’

फ्रांस में क्या करेंगे पीएम मोदी

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के महज तीन सप्ताह के भीतर ही प्रधानमंत्री को अमेरिका आने का निमंत्रण दिया गया। यह तथ्य भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व और अमेरिका में इस साझेदारी को दोनों दलों से प्राप्त समर्थन को भी दर्शाता है।’’ दस-12 फरवरी तक फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान मोदी और मैक्रों भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री और मैक्रों मार्सिले जाएंगे, जहां वह भारत के महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। नेता युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा करेंगे और प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। मोदी और मैक्रों आईटीईआर के स्थल काडारचे का दौरा करेंगे।

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच करीबी संबंध

मिस्री ने कहा कि ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही उनके और मोदी के बीच बहुत करीबी संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा सहयोग, आतंकवाद-निरोध, हिंद-प्रशांत सुरक्षा और लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में दोनों देशों के हितों में स्पष्ट समानता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में 54 लाख की संख्या में भारतीय समुदाय है तथा अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 350,000 से अधिक भारतीय छात्र इस संबंध को और मजबूत करते हैं।’’ विदेश सचिव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा इस महत्वपूर्ण साझेदारी को और दिशा तथा गति प्रदान करेगी। हम उम्मीद करते हैं कि यात्रा के अंत में एक संयुक्त वक्तव्य पारित किया जाएगा, जिसे समय आने पर साझा किया जाएगा।’’

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