Myanmar Earthquake: म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में रविवार (30 मार्च) को सड़ते शवों की बदबू हवा में फैल गई. बचाव दल मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. दो दिन पहले आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. इस भूकंप में 1,700 से अधिक लोग मारे गए और अनगिनत लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं.
शुक्रवार दोपहर को पहला भूकंप आया था, जिसका केंद्र मांडले के पास था. इसके बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया गया. इन झटकों ने मांडले शहर में कई इमारतों को मलवा बना दिया. कई पुल गिर गए और सड़कों में जरार आ गई. भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह पड़ोसी थाईलैंड तक पहुंचा, जहां बैंकॉक में 17 लोग मारे गए.
मांडले में दहशत और निराशा
मांडले के अधिकांश निवासियों ने शुक्रवार रात सड़कों पर गुजारी, क्योंकि भूकंप के बाद घर में रहना असुरक्षित हो गया था. लोग लगातार आफ्टरशॉक्स से भयभीत थे, जिससे अस्थिर इमारतें कभी भी गिरने की संभावना थी. रविवार को भी 5.1 तीव्रता का एक और झटका आया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में लगे लोग भी दहशत में आ गए.
सैटेलाइट इमेज और बुनियादी ढांचे की तबाही
म्यांमार की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि भूकंप ने हवाई अड्डों, राजमार्गों और पुलों सहित कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. विशेष रूप से नेपीताव अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भूकंप से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण भारत और चीन से आने वाले बचाव दलों को सीधे मांडले और अन्य प्रभावित शहरों में नहीं पहुंचाया जा सका. इनवा पुल भी ढह गया, जिससे इरावदी नदी के पार आने-जाने में मुश्किलें पैदा हो गईं.
राहत और बचाव कार्यों में बाधाएं
राहत प्रयासों को बदहाल सड़कों, गिरे हुए पुलों और संचार व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण कठिनाई हो रही है. साथ ही, देश में चल रहे गृहयुद्ध ने भी राहत कार्यों को प्रभावित किया है. स्थानीय निवासी बिना किसी भारी उपकरण के 41 डिग्री सेल्सियस तापमान में मलबा हटाने का प्रयास कर रहे हैं.
मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका
म्यांमार की सत्तारूढ़ जुंटा ने रविवार को कहा कि अब तक 1,700 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 3,400 से अधिक घायल हुए हैं और 300 लोग लापता हैं. हालांकि, आपदा का सही पैमाना अभी तक स्पष्ट नहीं है. अनुमान है कि मरने वालों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है. जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए अपील की है, जो आमतौर पर म्यांमार में दुर्लभ है. इससे पहले की सैन्य सरकारों ने बड़ी प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी विदेशी सहायता को अस्वीकार किया था.
थाईलैंड में भी मची तबाही
भूकंप का असर थाईलैंड तक पहुंचा, जहां बैंकॉक में शुक्रवार को एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई. रविवार तक बचाव दल ने मलबे से 17 लोगों के शव बरामद किए, जबकि 83 लोग अभी भी लापता हैं. 32 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है.