मुंबई: शहर के आजाद मैदान में मनोज जरांगे के नेतृत्व में रविवार को तीसरे दिन भी मराठा आरक्षण आंदोलन जारी रहा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपना रुख कड़ा करते हुए कहा कि उनकी मांग संवैधानिक रूप से वैध है। वहीं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के भाजपा के कुछ मंत्रियों ने कहा कि समुदाय को मौजूदा ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ उठाना चाहिए। बता दें कि मनोज जरांगे मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं। वह चाहते हैं कि मराठाओं को ओबीसी में शामिल कृषक जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके, हालांकि ओबीसी नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
सरकार नहीं मान रही मांगें
मनोज जरांगे ने अपनी मागें पूरी न होने तक मुंबई न छोड़ने का संकल्प लेने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास 58 लाख मराठाओं के कुनबी होने का रिकॉर्ड है।’’ हाई कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद भी जरांगे के रुख में कोई नरमी नहीं आई। जरांगे ने कहा, ‘‘कल से मैं पानी पीना बंद कर दूंगा क्योंकि सरकार मेरी मांगें नहीं मान रही है। जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती, मैं वापस नहीं जाऊंगा। चाहे कुछ भी हो जाए, हम ओबीसी श्रेणी के तहत मराठाओं को आरक्षण दिलाकर रहेंगे।’’
समाधान निकालने में जुटी सरकार
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के स्तर पर समाधान तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं। जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। सीएम फडणवीस ने कहा है कि सरकार संवैधानिक और कानूनी ढांचे के भीतर इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ने की कोशिश कर रही है। बता दें कि शनिवार को हाई कोर्ट के रिटायर्ड संदीप शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जरांगे का आंदोलन समाप्त कराने में असफल रहा। जरांगे इस मांग पर अड़े रहे कि मराठवाड़ा के सभी मराठाओं को आरक्षण के उद्देश्य से कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। हजारों आरक्षण समर्थकों की उपस्थिति के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के आसपास का क्षेत्र छावनी जैसा लग रहा है।