कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट को लेकर मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर चिदंबरम ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा था, जिसे बाद में उन्हें हटाना पड़ गया.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मणिपुर में चल रहे तनाव को लेकर कहा था कि मैतेई, कुकी-जो और नगा एक राज्य में तभी साथ रह सकते हैं जब उनके पास क्षेत्रीय स्वायत्तता हो. अपनी पोस्ट में उन्होंने क्षेत्रीय स्वायत्तता की वकालत की थी. इस पोस्ट के बाद मणिपुर कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने इसका विरोध किया और निंदा. विरोध के चलते चिदंबरम को अपनी पोस्ट डिलीट करनी पड़ी. लेकिन नेताओं की नाराजगी खत्म नहीं हुई. उन्होंने चिदंबरम पर कार्रवाई करने की मांग की है.
पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि हम मणिपुर संकट के बारे में चिदंबरम के पोस्ट की पूर्ण रूप से निंदा करते हैं. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने राज्य की एकता और अखंडता के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने की मांग की. पत्र में कहा गया है कि राज्य में बढ़ते तनाव, सार्वजनिक दुख और राजनीतिक संवेदनशीलता के मौजूदा माहौल को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की भाषा और भावनाएं बेहद अनुचित थीं.
बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष खरगे को भेजा पत्र
मंगलवार को राज्य कांग्रेस द्वारा बुलाई गई एक बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र भेजा गया है. इसमें कांग्रेस विधानमंडल सदस्यों, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह का कहना है कि चिदंबरम का पोस्ट देखने के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की थी. उन्होंने कहा कि यह बयान चिदंबरम की निजी राय हो सकती है लेकिन इससे राज्य में पार्टी के खिलाफ गलत संदेश जा सकता है.