जैसे-जैसे महाराष्ट्र राज्य चुनाव की तैयारी कर रहा है, राजनीतिक दल महिला मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पिछले महीने ही महाराष्ट्र में एनडीए सरकार ने लड़की बहन योजना शुरू की, जो युवा महिलाओं के कल्याण को लक्षित करती है. वहीं अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सावन के पवित्र महीने के दौरान एक अनूठा अभियान शुरू करेंगे.
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस हर सोमवार को शिव मंदिरों पर ‘मेरा वचन, मेरा शासन’ के बैनर तले एक नया वादा करेंगे. इस पहल का उद्देश्य महाराष्ट्र की लगभग 4 करोड़ महिला मतदाताओं की विकास और कल्याण की जरूरतों को पूरा करना है. भाजपा इस अभियान को महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करने के रूप में पेश कर रही है.
बीजेपी के लिए महिला मतदाता हमेशा से अहम रही हैं. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा ने महिला प्रतिनिधित्व के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए 12 महिला विधायकों को सदन में भेजा. वहीं कांग्रेस के 44 विधायकों में से केवल पांच महिला विधायक हैं. भाजपा की महिला प्रतिनिधित्व के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट है, और यह अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए इस रिकॉर्ड पर भरोसा कर रही है.
महिला वोटरों पर बीजेपी का क्यों है फोकस?
पिछले दशक में महिला मतदाता बड़ी संख्या में मतदान कर रही हैं. इस जनसांख्यिकीय बदलाव का भाजपा को हाल के चुनावों में काफी फायदा हुआ है. वरिष्ठ भाजपा अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में उनके चुनावी प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महिला मतदाताओं को लुभाने पर केंद्रित रहा है, जो पार्टी की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में महिलाओं की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, इसलिए भाजपा का दृष्टिकोण सुव्यवस्थित प्रतीत होता है. जैसे-जैसे 2024 के चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, सावन के दौरान फडणवीस के वादों पर राजनीतिक विश्लेषकों और उन मतदाताओं द्वारा करीब से नजर रखी जाएगी जिनका समर्थन वे प्राप्त करना चाहते हैं.