महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांटेदार मुकाबला रहा. हार-जीत का फैसला अंतिम दौर की मतगणना के बाद हुआ. महज 5 महीने में ही पिछली हार का बदला लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी. लेकिन कांग्रेस अंत तक संघर्ष करते हुए बीजेपी की बढ़त को बेहद कम करते हुए जीत को अपने खाते में डाल दिया.
देर रात तक चली काउंटिंग में कांग्रेस के रविंद्र चव्हाण ने कुल 5,86,788 वोट हासिल हुए जबकि बीजेपी के प्रत्याशी हंबर्डें को 5,85,331 वोट मिले. यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन की वजह से खाली हुई थी. कांग्रेस ने उपचुनाव में उनके बेटे रवींद्र चव्हाण को मैदान में उतारा, लेकिन मुकाबला उम्मीद के मुताबिक आसान नहीं रहा. जीत के लिए पार्टी को अंत तक संघर्ष करना पड़ा.
घटता गया अंतर
नांदेड लोकसभा सीट पर मुकाबला उतार-चढ़ाव भरा रहा.रात 8.18 बजे तक के अपडेट के अनुसार, बीजेपी के डॉ. संतुक हंबार्डे ने फिर से अपने बढ़त में सुधार किया है. उनकी बढ़त बढ़कर 441 से 657 हो गई है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 7.45 बजे के करीब मतगणना तक बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. संतुक हंबार्डे को 5,78,533 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण को 5,78,092 वोट आए. वहीं, तीसरे नंबर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी है, जिसके प्रत्याशी अविनाश के खाते में 79,431 वोट गए. यह बढ़त 441 मतों की हो गई है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर 4 बजे के करीब पूरी हुई मतगणना तक बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. संतुक हंबार्डे को 2,69,557 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण को 2,63,165 वोट आए. वहीं, तीसरे नंबर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी है, जिसके खाते में 35,397 वोट गए. डॉ. संतुक हंबार्डे 6,392 वोटों से आगे चल रहे थे.
यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन की वजह से खाली हुई है. लोकसभा चुनाव के महज दो महीने बाद ही अगस्त, 2024 में कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत
इससे पहले अप्रैल-मई में कराए गए लोकसभा चुनाव में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.
साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.
नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.