Police Station Firing Case: स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने भाजपा के पूर्व विधायक गणपत गायकवाड़ के खिलाफ शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ पर पुलिस स्टेशन में गोली चलाने के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. सूत्रों में बताया कि इस चार्जशीट में गणपत गायकवाड़ के बेटे वैभव का नाम शामिल नहीं किया गया. SIT का दावा है की जांच के दौरान उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे यह साफ हो कि वह इस अपराध में शामिल है.
चूंकि ऐसे सबूत नहीं मिले इसी वजह से उसका नाम चार्जशीट में नही लिखा गया. पुलिस पहले दावा कर रही थी कि वैभव इस घटना में शामिल था और फरार चल रहा था. वहीं कोर्ट ने भी उसकी अग्रिम जमानत याचिका (एंटीसिपेटरी बेल एप्लिकेशन) भी खारिज कर दी थी. वहीं SIT सूत्रों का यह भी कहना है कि आगे भविष्य में अगर वैभव के खिलाफ कोई नया सबूत मिलता है, तो कानून के मुताबिक करवाई की जाएगी. चार्जशीट में SIT ने गणपत गायकवाड़ और अन्य आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए हैं.
क्या था पूरा मामला?
पिछले साल फरवरी में कथित लैंड डिस्प्यूट के चलते गणपत गायकवाड़ और शिवसेना के पूर्व नेता महेश गायकवाड़ के बीच झगड़ा हुआ था. 2 फरवरी को दोनों गुट उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के केबिन में बैठे थे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा रहे थे. उसी दौरान वरिष्ठ निरीक्षक कुछ काम के लिए केबिन से बाहर चले गए तभी गणपत गायकवाड़ ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से महेश गायकवाड़ और उनके साथी राहुल पाटिल पर गोली चला दी.
महेश को छह गोलियां लगी थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उनकी हालत स्थिर हो गई.
तीन आरोपी मामले में रिहा हो चुके थे
इस मामले में तीन आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि गणपत गायकवाड़ सहित चार अन्य अभी भी जेल में हैं. SIT ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए योगेश बढेराओ और कुणाल पाटिल के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की, जिससे इस मामले में अब तक कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.