Sanjay Lakhe Patil Resign Shiv Sena-UBT: महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत शिवसेना-यूबीटी के सचिव संजय लाखे पाटील ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. रविवार (22 जून) को उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी से अपेक्षित सम्मान नहीं मिला और लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर किए गए वादे भी निभाए नहीं गए.
पार्टी छोड़ने के कारणों को बताते हुए पाटील ने यह भी साफ किया कि वे जालना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन अंतिम समय में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया.
बताया गया था जालना सीट हमारे पास रहेगी- पाटील
पिछले साल कांग्रेस छोड़कर शिवसेना (UBT) में शामिल हुए संजय पाटील का दावा है कि उन्हें पार्टी में शामिल करते समय वादा किया गया था कि उन्हें जालना सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि सांगली के बदले जालना सीट हमारे पास रहेगी. लेकिन, संजय राउत ने अपने निजी एजेंडे के तहत ऐसा नहीं होने दिया.” गौरतलब है कि जालना सीट पर कांग्रेस के कल्याण काले ने जीत हासिल की है.
पाटील ने अंबादास दानवे पर भी लगाए गंभीर आरोप
संजय पाटील ने केवल नेतृत्व पर सवाल उठाने तक ही खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि दानवे ने बार-बार उनके विचारों को हाईजैक किया और उसका श्रेय खुद ले लिया.
साथ ही यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में उन्हें लगातार दरकिनार किया जा रहा था और दानवे इसके पीछे अहम भूमिका निभा रहे थे. यह आंतरिक खींचतान अब पार्टी के भीतर गंभीर मतभेद को उजागर कर रही है.
फिलहाल अंबादास दानवे की ओर से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. संजय पाटिल के इस फैसले से शिवसेना (UBT) को जालना जैसे रणनीतिक क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है, जहां पार्टी को कांग्रेस और अन्य दलों से कड़ी टक्कर मिल रही है.