मुंबई पुलिस ने मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल को नोटिस दिया है. यह नोटिस बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भेजा गया है. कहा गया है कि जितनी आबादी आपके साथ है, उसके लिए नवी मुंबई के खारघर का इंटरनेशनल कॉरपोरेशन पार्क मैदान ही एकमात्र उपयुक्त जगह है, जहां इतनी बड़ी आबादी रह सकती है. आपको बता दें कि जारांगे की मांग है कि राज्य सरकार को नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत मराठों को आरक्षण देना चाहिए।
मुंबई पुलिस ने नोटिस में क्या कहा?
इस नोटिस में कहा गया है कि आपके पत्र और मीडिया में दिए गए साक्षात्कार से यह पता चला है कि आप लाखों वाहनों के साथ अंतरवाली सरती जालना से मुंबई आ रहे हैं और मुंबई के शिवाजी पार्क/आजाद मैदान में अनिश्चित काल तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. 26 जनवरी को. का समर्थन और आंदोलन करने जा रहे हैं. मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. ऐसे कई वित्त संबंधी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान और अन्य महत्वपूर्ण संस्थान हैं, जहां प्रतिदिन 60-65 लाख लोग ट्रेन या अन्य साधनों से आते हैं और यदि पूरा मराठा समुदाय बड़ी संख्या में वाहनों के साथ मुंबई आएगा, तो इसका यातायात बढ़ जाएगा . इसका बड़ा असर होगा.
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश में क्या है?
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मुंबई के आजाद मैदान में 7000 वर्ग मीटर की जगह आरक्षित की गई है, जहां सिर्फ 5000-6000 लोग ही एक साथ आ सकते हैं. इसके अलावा उस मैदान का बाकी हिस्सा खेल विभाग और स्कूली शिक्षा के लिए आरक्षित है, जहां आवाजाही की इजाजत नहीं दी जा सकती. इसके अलावा शिवाजी पार्क मैदान में किसी भी तरह के आंदोलन या कार्यक्रम के लिए बीएमसी कमिश्नर की इजाजत जरूरी होती है, लेकिन 26 जनवरी को शिवाजी पार्क में गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम है, जो पहले से तय है. इतनी भीड़ लेकर वहां आने से कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न होगा.
कोर्ट ने खारघर मैदान की सलाह दी
याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि उपयुक्त जगह दी जाए ताकि पूरे मराठा समुदाय के आंदोलन में कोई बाधा न आए. इसी वजह से नवी मुंबई के खारघर मैदान को इतनी सही जगह बताया गया है जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग जुट सकते हैं.