Aaditya Thackeray on Garbage Tax: शिवसेना (UBT) नेता, युवा सेना प्रमुख और विधायक आदित्य ठाकरे ने आज मुंबई के मातोश्री में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने महागठबंधन सरकार की नीतियों की आलोचना की. उन्होंने खास तौर पर नए “कचरा टैक्स” का विरोध किया और इसे आम नागरिकों पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ बताया. उन्होंने कहा कि यह टैक्स आम जनता की जेब पर असर डालेगा और सरकार को इस फैसले पर फिर से सोचना चाहिए.
अप्रैल फूल सरकार का तंज
आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज पूरी दुनिया में अप्रैल फूल डे मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे “अच्छे दिन सरकार” के रूप में मनाया जाना चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग के आशीर्वाद से बनी महागठबंधन सरकार को “अप्रैल फूल सरकार” करार दिया और आरोप लगाया कि इस सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने मुंबईकरों से “ठोस अपशिष्ट कर” के नाम पर लगाए जा रहे इस नए “अडानी टैक्स” का कड़ा विरोध करने की अपील की.
जैसे-जैसे मुंबई की आबादी बढ़ रही है, वैसे ही सॉलिड कचरे की मात्रा भी बढ़ रही है. इस वजह से वेस्ट मैनेजमेंट की लागत भी बढ़ गई है, जिसका सीधा असर मुंबईकरों पर पड़ने वाला है. इस पर आपत्ति जताते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार की नीति करों को माफ करने की नहीं, बल्कि आम नागरिकों से अधिक टैक्स वसूलने की है.
आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने मुंबई को गड्ढा मुक्त बनाने का वादा किया था, लेकिन चुनाव से पहले सिर्फ भूमिपूजन हुआ, काम अब तक शुरू नहीं हुआ. उन्होंने सवाल उठाया कि सड़क निर्माण का कितना काम हुआ और उसकी गुणवत्ता कितनी बेहतर है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ठेकेदारों की जेबें भर रही है, जबकि मुंबई में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है.
कैसे वसूला जाएगा कचरा टैक्स?
बृहन्मुंबई नगर निगम ने सोमवार (31 मार्च) को 2025 के लिए स्वच्छता और सफाई नियम प्रस्तुत किया. जिसमें घरों से दैनिक कचरा संग्रहण के लिए उपयोगकर्ता कर भी शामिल है. प्रस्तावित नियमों के अनुसार, 50 वर्ग मीटर तक के निर्मित क्षेत्र (बीयूए) वाले आवासों से 100 रुपये मासिक शुल्क लिया जाएगा. जबकि, 50 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर के बीच बीयूए वाले आवासों के लिए 500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. बीयूए में 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले घरों के लिए कचरा संग्रहण शुल्क 1000 रुपये होगा.
यह कर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, गेस्टहाउसों, रेस्तरां, क्लीनिकों, प्रयोगशालाओं, गोदामों, कार्यालयों, लघु एवं कुटीर उद्योग कार्यशालाओं, शीतगृहों, विवाह हॉलों, उत्सव हॉलों, प्रदर्शनियों और सभा स्थलों पर भी लगाया जाएगा. फिलहाल इसे अंतिम मंजूरी नही मिली है, यह प्रपोजल प्रस्तावित है.