महाराजगंज: यूपी के महाराजगंज में एक बार फिर कस्टम विभाग की टीम एक्शन में दिखी है। टीम ने बड़ी संख्या में चाइनीज लहसुन, चाइनीज आम सहित चाइनीज किबी बरामद कर उसे नष्ट किया है। कस्टम विभाग की कार्रवाई से तस्करों के बीच हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
बरामद सामानों की जांच में खराब गुणवत्ता वाला चाइनीस खाने-पीने का सामान मिला है, जिसके बाद उसे नष्ट कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान 13 टन चाइनीज लहसुन, 1.5 टन चाइनीज आम सहित 3800 किलो चाइनीज किबी को नष्ट किया गया है।
महराजगंज के सीमावर्ती कस्टम कार्यालय नौतनवां, सोनौली संयुक्त टीम मौके पर मौजूद रही है।
अधिकारी का सामने आया बयान
कस्टम विभाग के डिप्टी कमिश्नर वैभव सिंह का इस मामले पर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया में चाइना से आए काफी सामान को नष्ट किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के सामान को मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है, इसलिए इसे नष्ट करवाया जा रहा है।
आखिर क्यों खतरनाक माना जाता है चीनी लहसुन?
चाइनीज लहसुन के बार में कहा जाता है कि इसमें मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही चाइनीज लहसुन में कीटनाशकों का स्तर भी काफी ऊंचा देखा गया है। कीड़ों से बचाने के लिए इस पर मेथाइल ब्रोमाइड का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इस लहसुन को खाने से पेट की बीमारियां जैसे अल्सर, इन्फेक्शन आदि होने का खतरा रहता है। इस जहरीले लहसुन के सेवन से किडनी से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। हालांकि चाइनीज लहसुन देसी लहसुन के मुकाबले सस्ता होता है इसीलिए प्रतिबंधित होने के बावजूद ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ये बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे होते हैं।
भारतीय और चाइनीज लहसुन में क्या है अंतर?
अब सवाल ये है कि आखिल दोनों लहसुन में अंतर कैसे करें। बता दें कि आप थोड़ा सा ध्यान दें तो चीनी लहसुन को आसानी से पहचाना जा सकता है। उसका रंग, आकार और उसकी गंध देसी लहसुन से काफी अलग होती है। चीनी लहसुनों का रंग हल्का सफेद और हल्का गुलाबी होता है। वहीं, देसी लहसुन की बात करें तो ये आकार में छोटे होते हैं और उनका रंग सफेद या फिर क्रीम कलर का होता है। दोनों की गंध में भी अंतर होता है। एक तरफ जहां देसी लहसुन की गंध तेज होती है तो चाइनीज लहसुन की गंध हल्की होती है