मध्य प्रदेश के नीमच में चोरी का अजीब मामला सामने आया है. यहां की पुरानी तहसील से चोर कई टन वजनी तोप चोरी कर ले गए. हैरानी की बात ये है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद पुलिस प्रशासन इससे बेखबर होकर सोता रहा. नींद तब जागी जब शहर के जागरूक शख्स ने शिकायत कलेक्टर से की. अब पुलिस चोरी हुई तोप की खोज में जुट गई है. जांच की जा रही है. इलाके के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है.
चोरी हुई तोप नीमच की पुरानी तहसील वर्तमान में होमगार्ड कार्यालय के गेट पर लगी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुतबिक, जस्ता, तांबा, पीतल और कीमती धातुओं से बनी इस तोप को रक्षाबंधन के 2-3 दिन बाद चोरी किया गया है. गेट पर दो तोपें लगीं हुई थीं. एक तोप चोरी होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. लोगों में चर्चा है कि जब इतने सुरक्षा वाले स्थान से तोप चोरी हो सकती है तो वह कैसे सुरक्षित हैं.
कई वर्षों पुरानी है तोप
जिले के एसपी अंकित जायसवाल का कहना है कि तोप चोरी करने वाले आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. घटना के खुलासे के लिए टीम का गठन किया गया है. दरअसल, पुलिस को मामले की जानकारी तब हुई जब शहर के जागरूक व्यक्ति अमरदीप उपाध्याय ने कलेक्टर को शिकायती पत्र देकर तोप गायब होने की जानकारी दी थी. पुलिस में चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. चोरी हुई तोप कई वर्षों पुरानी है और ब्रिटिश शासन में तैनात की गई थी.
शहर की सुरक्षा के लिए तैनात की गई थी तोप
इतिहासकारों के मुताबिक, नीमच शहर ग्वालियर रियासत का हिस्सा हुआ करता था. मराठा शासन में यह छावनी के रूप में विकसित हुआ था. शहर की सुरक्षा के लिए नीमच में 111 तोपों की तैनाती की गई थी. चोरी हुई तोप भी उसी दौर की बताई जाती है. इतिहासकार कहते हैं कि साल 1844 में नीमच अंग्रेजों के कब्जे में आ गया और यहां ब्रिटिश शासन लागू हो गया. 1857 की क्रांति के दौरान यहां के वीर जवानों ने अंग्रेजों से युद्ध कर उन्हें शहर से खदेड़ दिया था. आजादी के एक साल बाद 1948 में ग्वालियर रियासत का विलय मध्य भारत में हो गया.