यूपी विधानसभा में लव जिहाद बिल पास, अब उम्रकैद तक की हो सकती है सज़ा
इस बिल के अनुसार, कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माना और कड़ा करने की जरूरत है। इसलिए, यह संशोधन विधेयक पेश किया गया।
कितनी बढ़ी सज़ा
बहला फुसला करके धोखे से धर्म परिवर्तन पर दोषी को अब 3-10 साल तक की सजा मिल सकेगी। जबकि 25 हजार रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा। इससे पहले 1-5 साल की सजा और 15 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था। नाबालिक, एससी-एसटी महिला के साथ अपराध होने पर अब 5–14 साल जेल और एक लाख जुर्माना तक की सजा मिलेगी। इससे पहले पहले 2-10 साल की सज़ा, 25 हज़ार जुर्माना का प्रावधान था। अवैध ढंग से सामूहिक धर्मांतरण पर दोषी को 7-14 साल जेल और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा कोर्ट से मिल सकती है। इससे पहले सजा का प्रावधान 3-10 साल जेल,पचास हजार जुर्माना था।
संशोधन में शामिल किए गए ये अपराध
बिल संशोधन में कई नए अपराध भी शामिल किए गए हैं। दिव्यांग ,मानसिक दुर्बल को बहला फुसला के धर्मांतरण कराने पर 5-14 साल जेल,एक लाख जुर्माना की सजा मिल सकेगी। अवैध धर्मांतरण के लिये विदेशी फंडिंग पर 7–14 साल जेल,दस लाख जुर्माना की सजा का प्रावधान किया गया है। अवैध धर्म परिवर्तन के लिए मानव तस्करी करने वालों को पच्चीस साल जल की सजा से लेकर आजीवन कारावास की सजा मिल सकेगी।