महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण के बाद कांग्रेस को उस वक्त एक और बड़ा झटका लगा, जब सोमवार को पूर्व मंत्री व प्रदेश कार्याध्यक्ष बसवराज पाटिल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बसवराज पाटिल मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं. बसवराज पाटिल का इस्तीफा कांग्रेस के लिए काफी बड़ा नुकसान है क्योंकि वे मराठवाड़ा में पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाते थे.
इससे पहले, फरवरी मध्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (65) भी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया और 20 फरवरी को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया.
लिंगायत समुदाय के नेता बसवराज पाटिल मूल रूप से उस्मानाबाद तालुक के उमरग्या के मुरूम के रहने वाले हैं. राजनीतिक हलकों में बसवराज पाटिल को पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर के बेटे के रूप में जाना जाता है. वह कांग्रेस के वफादार रहे हैं और औसा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने 2009 और 2014 में औसा से दो बार चुनावी जीती हासिल की थी.
विधायक के पहले ही कार्यकाल में कांग्रेस ने उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया था. हालांकि, 2019 विधानसभा चुनाव में अभिमन्यु पवार से हार के बाद ऐसी चर्चा थी कि बसवराज पाटिल को कांग्रेस में कुछ हद तक दरकिनार कर दिया गया था. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बसवराज पाटिल बीजेपी से बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और बहुत संभव है कि वे मंगलवार को भाजपा में जाने की घोषणा भी कर दें.
बसवराज पाटिल लंबे समय से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे हैं. इसके लिए उन्होंने काफी पहले से ही प्रचार शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि बसवराज पाटिल धाराशिव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि ऐसी संभावना है कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सीट बंटवारे में धाराशिव की सीट शरद पवार गुट के पास चली जाएगी. महागठबंधन में शिंदे गुट को यह सीट मिल सकती है.
पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ी है. इसमें अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी शामिल हैं. अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हो गए हैं. मिलिंद देवड़ा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना में शामिल हो गए हैं. इन दोनों नेताओं को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकित किया गया है. उनकी राज्यसभा सदस्यता लगभग तय है. दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए हैं.
बसवराज पाटिल के बारे में जानिए?
बसवराज पाटिल धाराशिव जिले के उमरगा तालुका के मुरुम के रहने वाले हैं. वह पहली बार 1999 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे. उस समय पार्टी में उनकी अच्छी स्थिति थी. इसलिए उन्हें उस समय मंत्री बनने का मौका मिला. बसवराज पाटिल 1999 से 2004 तक महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री थे.
लेकिन 2004 के चुनाव में वह हार गए. उन्होंने पहली बार उमरगा विधानसभा से जीत हासिल की थी. लेकिन बाद में यह निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित कर दिया गया. इसलिए, पार्टी ने उन्हें 2009 के चुनावों में औसा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी. साथ ही अपने अगले पांच साल के चुनाव यानी 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने मोदी लहर के दौरान जीत हासिल की. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार हो गई. इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का मौका दिया.