कोलकाता में लेडी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने सनसनीखेज दावा किया है. सीबीआई ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस स्टेशन में सबूत बदले गए थे. इससे पहले भी लेडी डॉक्टर की हत्या के मामले में पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे. इस बाबत सीबीआई ने टाला थाने के तत्कालीन पूर्व ओसी को अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया था
इस बार उस टाला थाने के खिलाफ बड़ी शिकायत आई है. आरोप है कि थाने के अंदर सबूत बदल दिए गए और झूठे रिकॉर्ड बनाए गये. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को विशेष सीबीआई अदालत में इसका खुलासा किया.
बता दें कि नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर का शव मिला था. शव के पोस्टमार्टम के बाद उसके साथ शारीरिक शोषण के आरोप में सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था. बाद में इस मामले में साजिश रचने के आरोप में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाना के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया था.
टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल ने जब कोर्ट में जमानत की अर्जी दी तो सीबीआई ने कई दलीलें देते हुए जमानत का विरोध किया. उन तर्कों में एक बिंदु पर रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप था.
थाने में बनाए गये फर्जी रिकॉर्ड, सीबीआई का दावा
जांचकर्ताओं ने दावा किया कि टाला पुलिस स्टेशन के अंदर फर्जी रिकॉर्ड बनाए गए थे. सीबीआई की ओर से दिए गए दस्तावेज में प्वाइंट 4 में लिखा है, ‘फॉल्स रिकॉर्ड क्रिएटेड या अल्टरड’ यानी गलत रिकॉर्ड बनाया या बदला गया है.
सीबीआई का दावा है कि आरजी कर मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और आरोपियों से पूछताछ के आधार पर यह जानकारी सामने आई है.
टाला थाने की भूमिका पर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. सही समय पर FIR क्यों दर्ज नहीं की गई? पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार क्यों किया? ऐसे तमाम सवाल उठे हैं.
बुधवार को कोर्ट में अपनी ओर से बहस करते हुए पूर्व ओसी अभिजीत मंडल ने दावा किया कि घटना के दिन उन्होंने अपना काम ठीक से किया था. नौ अगस्त को वारदात की सुबह 9:30 बजे खबर मिली और सुबह साढ़े दस बजे घटना स्थल पर पहुंचे.
नॉर्को और पॉलीग्राफ टेस्ट को नहीं मिली मंजूरी
उनका तर्क है कि भले ही उनके खिलाफ साजिश का आरोप तय हो गया हो, लेकिन यह जमानती धारा है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, लेकिन उनका तर्क टिक नहीं पाया. सीबीआई की याचिका पर संदीप घोष और अभिजीत मंडल को 30 सितंबर तक जेल रिमांड में दिया गया है. इसके साथ ही संदीप घोष की भी जमानत याचिका खारिज कर दी गयी.
आरजी कर में लेडी डॉक्टर हत्या के मामले में उन्हें अदालत में पेश किया गया था. उन पर सबूतों को गलत साबित करने की कोशिश करने और देर से एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया गया है. दोनों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट होगा या नहीं, इस पर सुनवाई बुधवार को होनी थी, लेकिन सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के कोलकाता कार्यालय के एक विशेषज्ञ किसी राज्य में केस के काम से गये हैं. इसलिए वह बुधवार को कोर्ट नहीं आ सके.