कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले का फिलहाल सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान ने कर्नाटक में फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला किया है. इसके साथ-साथ पार्टी नेतृत्व ने कर्नाटक कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बदलने के सवालों को भी खारिज कर दिया है.
इसलिए यह तय माना जा रहा है कि सिद्धारमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. सीएम को लेकर ताजा विवाद के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, राहुल गांधी, संगठन महासचिव वेणुगोपाल और प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के साथ सीएम-डिप्टी सीएम की बैठक में यह तय हुआ है.
बीजेपी सिद्धारमैया सरकार पर हमलावर
कर्नाटक में विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार सिद्धारमैया पर हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि आरोप सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर लगे हैं ऐसे में नैतिक आधार पर उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए. बीजेपी ने सिद्धारमैया सरकार को घोटाले वाली सरकार करार देते हुए दावा किया है कि इसमें उनका पूरा परिवार शामिल है.
कर्नाटक की सियासत उस समय गरमा जब पिछले दिनों राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए यानी मुडा) की जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी. मामले में आरोप है कि मुडा की तरफ से सीएम की पत्नी को जमीन का आवंटन किया गया है.
सीएम कह चुके हैं- इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता
राज्यपाल की ओर से मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने के बाद सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि इस्तीफा देने का तो सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने इसे चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया है. इसके साथ-साथ राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कह चुके हैं.
डीके शिवकुमार भी सीएम के साथ
दूसरी ओर प्रदेश के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर यह कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी इसे कानूनी और राजनीतिक दोनों तरीके से लड़ेगी. पूरी सरकार और कैबिनेट मुख्यमंत्री के साथ खड़ा है. मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने का तो सवाल ही नहीं उठता है. यह बीजेपी की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है. ये मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक है.