DK Shivakumar: कर्नाटक में मुसलमानों को 4 प्रतिशत कोटा मामले को लेकर राजनीति अपने चरम पर है. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन किया है. इसे कांग्रेस विरोधियों ने मुसलमानों को खुश करने का कदम बताया है. यह कोटा नौकरियों या शिक्षा के लिए नहीं है, बल्कि ठेकेदारों को 1 करोड़ रुपये तक की सरकारी परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के लिए है.
डीके शिवकुमार ने इस बात से इनकार किया है कि 4 प्रतिशत कोटा सिर्फ मुसलमानों के लिए है. उन्होंने आज शनिवार (15 मार्च, 2025) को हुबली में संवाददाताओं से कहा, “4 प्रतिशत कोटा केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए है.” सिद्धारमैया ने शुक्रवार (14 मार्च, 2025) को राज्य बजट 2025-26 में सरकारी अनुबंधों में आरक्षण की घोषणा की और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए 42,018 करोड़ रुपये आवंटित किए.
घोषणा करते वक्त सिद्धारमैया ने नहीं लिया किसी समुदाय का नाम
कर्नाटक के सीएम ने अपने भाषण में किसी समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन बजट में श्रेणी 2बी को शामिल किया गया, जिसमें विशेष रूप से मुसलमान शामिल हैं. सिद्धारमैया ने कहा, “कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता अधिनियम के प्रावधानों के तहत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, श्रेणी-I, श्रेणी-IIA और श्रेणी-IIB ठेकेदारों को कामों में दिया जाने वाला आरक्षण बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा.”
इन कैटगरी में दिया जाएगा आरक्षण
कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन आज किया गया और उसे मंजूरी दे दी गई. अब सरकारी विभागों, निगमों और संस्थाओं के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, श्रेणी 1, श्रेणी 2ए और श्रेणी 2बी के आपूर्तिकर्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का आरक्षण दिया जाएगा.
अल्पसंख्यक नेताओं ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदायों के लिए दिए गए आरक्षण के समान मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत ठेका कार्यों को आरक्षित करने का अनुरोध किया. इसके बाद सिद्धारमैया के नेतृत्व में एक कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें विधेयक पेश करने के संबंध में चर्चा की गई.