कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद को लेकर राजनीतिक बहस बढ़ती जा रही है. इसी बीच कर्नाटक के कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन का एक बयान सामने आया है. विधायक इकबाल हुसैन ने रविवार को दावा किया कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अगले दो से तीन महीने में राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है.
शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले विधायक की इस तरह की टिप्पणी करना चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी और सरकार में बदलाव की मांग उठ रही है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा.
इकबाल हुसैन ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस की ताकत क्या थी. हर कोई जानता है कि इस जीत को हासिल करने के लिए किसने संघर्ष, पसीना, प्रयास और रुचि दिखाई. उन्होंने कहा कि शिवकुमार की रणनीति और कार्यक्रम अब इतिहास बन चुके हैं.
2-3 महिने में सीएम बनेंगे शिवकुमार
हुसैन ने कहा कि मैं अटकलों में विश्वास नहीं करता. मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी प्रमुख इस स्थिति के बारे में जानते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि वे सही समय पर उचित निर्णय लेंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार, जो राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, इस साल सीएम बनेंगे? इस बात का जवाब देते हुए हुसैन ने कहा कि हां, मैं मुझे पता है कि वह सीएम बनेंगे. उन्होंने कहा कि जो नेता सितंबर तक तारीख दे रहे हैं, वह बेबुनियाद है. दो से तीन महीने के भीतर ही निर्णय ले लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री के बेटे के बयान पर बोले हुसैन
हुसैन से पूछा गया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बदलने की बात को सिर्फ अटकलबाजी बताकर खारिज कर दिया था? इस बात का जवाब देते हुसैन ने कहा कि जब पार्टी प्रमुख ने 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने का फैसला किया था तब उस समय हम दिल्ली में एक साथ थे. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला लिया और अब भी वही लोग फैसला लेंगे.
कांग्रेस के भीतर चल रही है बहस
कर्नाटक की कांग्रेस पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री को बदलने की अटकलें पिछले कुछ समय से चल रही हैं. पार्टी प्रमुख के सख्त निर्देशों के बाद इस तरह की चर्चाएं खत्म हो गई थी. मई 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सीएम पद के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा थी. कांग्रेस शिवकुमार को डिप्टी सीएम की भूमिका स्वीकार करने के लिए मनाने में कामयाब रही.
‘रोटेशनल सीएम फॉर्मूला’
सरकार बनाने के समय की रिपोर्ट में रोटेशनल सीएम फॉर्मूला का सुझाव दिया गया था, जिसमें शिवकुमार को ढाई साल बाद पदभार संभालना था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हुई. शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को कभी नहीं छोड़ा. राजन्ना की क्रांतिकारी राजनीतिक बदलावों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए हुसैन ने कहा कि योग्य व्यक्ति को अनुमति देना क्रांति नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि राजनीति में बदलाव आम बात है. जब समय आएगा, तो पार्टी प्रमुख तय करेगा कि किसे जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अनुशासन और प्रतिबद्धता है और हर कोई इसका पालन करता है. विभिन्न समुदायों के लोगों ने पार्टी के लिए काम किया है और उन्होंने इसके लिए बलिदान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर आज की स्थिति में सिर्फ बदलाव की उम्मीद है और यह बदलाव होगा लेकिन इसे क्रांति नहीं कहा जा सकता.