यूपी के कानपुर के उर्सला अस्पताल में सुबह के लगभग 10.45 बजे डीएम ने छापा मारा और उनकी क्लास लगाई. कानपुर के सरकारी अस्पताल उर्सला में मंगलवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. अस्पताल में बिना बताए औचक निरीक्षण को जब शहर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया. पिछले एक महीने से डीएम के तेवर से वाकिफ उर्सला के डॉक्टर और स्टाफ की सांसें फूल गई.
शहर में डीएम के प्रोफेसर और हेडमास्टर दोनों ही रूप के चर्चे होते रहे. उर्सला अस्पताल में घुसते ही डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने वहां मौजूद मरीजों का हाल चाल लिया. ऐसे में जो लोग जमीन पर बैठे थे उनसे भी इलाज के संबंध में पूछा और फिर डॉक्टर्स से जानकारी लेनी शुरू किया. आयुष्मान योजना के बारे में पूछने के साथ डीएम ने अस्पताल में मौजूद मरीजों और स्टाफ के बारे में उर्सला के अधिकारियों से जानकारी लेनी शुरू की. एक सवाल के जवाब में पीछे खड़े अधिकारी ने जवाब दिया तो डीएम बिगड़ गए.
डॉक्टर्स के साथ की एक मीटिंग
डीएम ने ने कहा कि मै पूछता किसी से हूं और मुझे पीछे से ज्ञान कोई और दे देता है. डीएम के तेवर देखकर वहां मौजूद डॉक्टर्स और स्टाफ के बीच सन्नाटा छा गया. इसके बाद डीएम ने उर्सला प्रशासन और डॉक्टर्स के साथ एक मीटिंग की. मीटिंग में डीएम ने प्रोफेसर की भूमिका निभाते हुए डॉक्टर्स से कहा कि आप सबको सफेद कोट के लिए जाना जाता है. ऐसे में सफेद कोट से सेवा भाव आना चाहिए.
बोनस में मिलेगी दुआएं
उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को लाखों रुपए को सैलरी मिलती है. ऐसे में अगर डॉक्टर्स सेवा भाव से इलाज करेंगे तो लाखों लोगों की दुआएं बोनस में मिलेगी. डीएम ने कहा कि उर्सला में एमआरआई टैक्सला अत्याधुनिक मशीन है. प्राइवेट में जहां इस मशीन से एमआरआई कराने में बीस हजार रुपए लगते है. वहीं उर्सला में मात्र ढाई से छह हजार रुपए में यह एमआरआई हो जाता है