झारखंड में बीजेपी विधायकों ने सोरेन सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर के अंदर रेलवे स्टेशन की तरह जमीन पर चादर बिछाकर सो गए. संभवत ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए विपक्षी विधायकों ने इस तरह प्रदर्शन किया हो. दरअसल, मानसून सत्र के चौथे दिन बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया. कई मुद्दों पर सोरेन सरकार को घेरा और जवाब मांगा.
बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रोजगार और बेरोजगारी भत्ता पर ध्यान देने की मांग की. बीजेपी विधायकों ने सदन में युवाओं के रोजगार अनुबंध और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया. इसके अलावा कारखाना ( झारखंड संशोधन) विधेयक 2023 को वापस लेने पर हंगामा किया. बीजेपी विधायकों ने कहा कि जिन लोगों ने आशा और विश्वास के साथ सरकार को 2019 में बहुमत देकर सत्ता में बैठाया था. राज्य सरकार ने अपने चुनावी वायदे में कहा था कि हर साल 5 लाख युवाओं को रोजगार देंगे. रोजगार नहीं देने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता (5000 और 7000) देंगे, वो आज तक नहीं मिला.
सोरेन सरकार के खिलाफ विपक्षी विधायकों का हल्लाबोल
अपने सवालों का जवाब मांगने को लेकर बीजेपी विधायक सदन स्थगन के बावजूद लगभग 8 से 10 घंटे तक सदन के अंदर ही बैठे रहे. देर रात 10:00 के करीब मार्शल आउट किए जाने के बाद विधायक लॉबी में धरने पर बैठ गए. इसके बाद वे लोग विधानसभा परिसर के अंदर ही चादर डालकर सो गए. दरअसल, बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही का चौथा दिन था. पहले हाफ की कार्रवाही बेहद शांतिपूर्ण तरीके से चली दूसरे पाली की शुरुआत जब दोपहर 2:00 बजे हुई.
इस विधेयक को वापस लेने पर हंगामा
इसके बाद कारखाना ( झारखंड संशोधन) विधेयक 2023 को वापस लेने और एक ध्यान आकर्षण के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने युवाओं के रोजगार और निविदा कर्मियों के स्थायीकरण पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जवाब की मांग की. कुछ ही देर बाद विपक्ष के विधायक वेल में आ गए और जब तक मुख्यमंत्री का जवाब नहीं आ जाता तब तक सदन छोड़कर नहीं जाने का ऐलान कर दिया.
थोड़ी ही देर बाद विपक्षी विधायक बैनर लेकर मुख्यमंत्री के जवाब की मांग करने लगे इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने इस पर हस्तक्षेप किया और विधायकों से बैनर चीन का मार्शलों को आदेश दिया. विपक्षी विधायकों के विरोध में सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गए. सदन में जब हंगामा बढ़ने लगा तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही गुरुवार यानी 1 अगस्त की सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
इसके बाद सभी विधायक बाहर निकलने लगे लेकिन विपक्ष के विधायक जिसमें भारतीय जनता पार्टी और आजसू के विधायक शामिल है, वे लोग वेल में ही बैठ गए. लगभग 8 घंटे तक यानी 10:00 बजे रात तक वे लोग वेल के अंदर ही डटे रहे बाद में देर रात मार्शलों के द्वारा सभी को जबरन बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद सभी विधायक लॉबी में आकर बैठे गए.
आज भी हंगामेदार रह सकता है सत्र
आज विधानसभा की कार्यवाही का पांचवा दिन है. आज सत्र में हंगामे के आसार हैं. मुख्यमंत्री के जवाब की मांग एक तरफ विपक्ष के द्वारा किया जा रहा है. दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के द्वारा यह कहा जा रहा है कि नेता सदन सत्र के अंतिम दिन अपना वक्तव्य रखते हैं. आज का दिन फिर एक बार हंगामे की भेंट चढ़ता है या झारखंड के ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री का सदन में जवाब आता है यह सदन शुरू होते ही पता चल जाएगा.