Jharkhand: चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ शुक्रवार (2 फरवरी) को ली. इसके साथ हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की संभावनाएं समाप्त हो गई. उनके मुख्यमंत्री न बनने का पेंच सोरेन वर्सेस सोरेन की लड़ाई में फंस गया. दरअसल, हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के बगावती तेवर ने सत्ता के समीकरण को हिला रखा दिया है.
हाल ये है कि सीता सोरेन की बगावत से पार्टी के टूटने का खतरा बना हुआ है. हालांकि, सीता सोरेन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लेकर नरम दिख रही हैं, लेकिन हेमंत सोरेन को लेकर गरम हैं.
हेमंत सोरेन को विरासत में मिली सत्ता
हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाते हैं. 2019 में शिबू सोरेन ने मंझले बेटे हेमंत सोरेन को प्रदेश की सत्ता और अपनी विरासत सौंपी थी. पांच साल पूरे होने से पहले ही हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया गया. उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी. इसके साथ ही परिवार के अंदर का विद्रोह सबके सामने आ गया.
दुर्गा सोरेन, हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन तीनों शिबू सोरेन के बेटों के नाम हैं. इनमें से दुर्गा सोरेन की मौत हो चुकी है और उनकी पत्नी सीता सोरेन विधायक हैं, जबकि हेमंत सोरेन पार्टी के प्रमुख हैं और सीएम रह चुके हैं, कल्पना इन्हीं की पत्नी हैं. वहीं, बसंत सोरेन अभी दुमका से विधायक हैं और पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं.
कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की कोशिश
ईडी के फंदे में फंसने के बाद जब हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा बढ़ा तो उन्होंने पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाने का प्लान बनाया, लेकिन सीता सोरेन इस बात से नाराज हो गईं. नतीजा हुआ कि परिवार और पार्टी में टूट का खतरा पैदा हो गया. हेमंत सोरेन ने प्लान बदला और पार्टी के वफादर चंपई सोरेन का नाम सीएम के लिए आगे कर दिया.
चंपई सोरेन के नाम पर नरम सीता सोरेन
चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ले ली है. शपथ लेने से पहले वह सुबह-सुबह चंपई सोरेन शिबू सोरेन का आशीर्वाद लेने घर पहुंचे थे. चंपई सोरेन उन नेताओं में से एक हैं जो शिबू सोरेन के संघर्ष के दिनों के साथी रहे हैं. शिबू सोरेन के करीबी माने जाते हैं. यही वजह रही कि हेमंत सोरेन ने जब इनका नाम आगे किया तो भाभी सीता सोरेन को भी मानना पड़ा.
बता दें कि शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की मौत के बाद सीता सोरेन राजनीति में सक्रिय हुईं थी. सीता तीन बार की विधायक हैं. सीता सोरेन अपनी बेटियों को सोरेन परिवार की सियासी वारिस मानती हैं. सीता की बेटियों ने पिता के नाम पर झारखंड में अलग से संगठन बना रखा है.
बसंत सोरेन नहीं बन सके डिप्टी सीएम
इस बीच खबर आई कि शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन जो दुमका से विधायक हैं को चंपई सरकार में डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सीता सोरेन ने इस पर वीटो लगा दिया. नतीजा हुआ कि पार्टी और परिवार को बचाने के लिए बसंत सोरेन डिप्टी सीएम बनते बनते रह गए.