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जम्मू-कश्मीर: गांदरबल में आतंकियों ने फैलाई दहशत, अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें सात लोगों की जान चली गई और 5 लोग गंभीर घायल, हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में रविवार की रात आतंकियों ने गैर-स्थानीय लोगों पर हमला कर दिया. हमले में डॉक्टर समेत 7 लोगों की जान चली गई. डॉक्टर की पहचान शहनवाज अहमद के तौर पर हुई है. 5 मजदूरों के भी घायल होने की खबर है. उन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है. सभी मजदूर केंद्र सरकार की तरफ से चल रहे सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे.

हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है. सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके. घाटी में आतंकी माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं. उनके निशाने पर बाहरी हैं, जिन लोगों पर दहशतगर्दों ने हमला किया है, उनमें 5 लोग बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब के रहने वाले हैं, जबकि दो लोग जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं.

आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सात लोगों में बिहार के रहने वाले सेफ्टी मैनेजर फहीमन नासिर, एमडी हरीफ, कलीम, मध्य प्रदेश के मैकेनिकल मैनेजर अनिल शुक्ला, जम्मू-कश्मीर के डॉ. शाहनवाज, डिजाइनर शशि अब्रोल और पंजाब के गुरमीत सिंह शामिल हैं.

कौन है TRF संगठन, जो फैला रहा दहशत?

इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) संगठन ने ली है. ये जम्मू-कश्मीर में दहशत का नया नाम है. ये लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है. इसकी ऑनलाइन सहयोगी के रूप में शुरुआत हुई है. इसने जांच एजेंसियों को भटकाने के लिए नए नाम का इस्तेमाल किया है. टीआरएफ अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में एक्टिव है. इन आतंकियों को दहशत फैलाने के लिए पाकिस्तान से ट्रेनिंग मिलती है. साथ ही साथ फंड भी दिया जाता है.

जम्मू-कश्मीर में सेना के जवान लगातार आतंकियों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं. पिछले साल उन्होंने चुन-चुनकर दहशतगर्दों को मिट्टी में मिलाया है. कुल मिलाकर टीआरएफ के 108 आतंकियों को ढेर किया है. ये वही संगठन है, जिसने रियासी में आतंकी हमले को अंजाम दिया था.

जम्मू-कश्मीर में कब-कब टारगेट किलिंग?

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सालों से टारगेट किलिंग मामले सामने आ रहे हैं. इस साल आतंकियों ने अब तक सात बार टारगेट कर हत्या की हैं. पहली बार 7 फरवरी 2024 को हब्बा कदल में दो लोगों की हत्या की थी, जोकि सिख समुदाय से आते थे. इसके बाद 8 अप्रैल 2024 को श्रीनगर में दिल्ली के कैब ड्राइवर की हत्या की. 17 अप्रैल 2024 को अनंतनाग में बिहार के कामगार की हत्या की. 18 मई को पहलगाम में जयपुर से आए दंपत्ति पर फायरिंग की. 18 मई को शोपियां में बीजेपी नेता को मौत के घाट उतार दिया. 16 अक्टूबर को शोपियां में ही गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर जान ले ली और बीते दिन 20 अक्टूबर को गांदरबल में 7 लोगों की मौत हत्या कर दी. वहीं, 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

आतंकियों के टारगेट पर कौन-कौन हैं?

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी के निशाने पर कुछ खास लोग होते हैं, जिसमें गैर मुस्लिम, बाहरी मजदूर, कश्मीरी पंडित जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अधिकारी शामिल हैं. इनका मकसद सिर्फ दहशत फैलाना होता है. हालांकि आतंकियों पर लगातार प्रहार हो रहा है. यही वजह है कि ये लोगों से सीधे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. पहचान से बचने के लिए फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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