हाल ही में लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया गया था जिसपर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा मचाया था। इसके बाद वक्फ बिल को संसद की जेपीसी समिति के पास भेज दिया गया था। माना जा रहा है कि इस बिल पर विस्तार से चर्चा के बाद इसे फिर से संसद में पेश किया जा सकता है। इस बीच गुरुवार को मीयत उलेमा ए हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना अरशद मदनी और मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने दावा किया है कि मोदी सरकार की दो अहम साथी तेलुगु देशम पार्टी और जदयू के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध करने की बात कही है।
हम बिल का विरोध करेंगे- मदनी
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को मौलाना अरशद मदनी और मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके के अनुसार हम बिल का विरोध करेंगे, अगर जरूरत पड़ी तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा, हम इसका विरोध करेंगे। मदनी ने कहा कि जेपीसी के लिए हमें कोई बुलावा नहीं आया है लेकिन हमने दस्तावेज तैयार किया है कि कहां-कहां कैसे नुकसान है हमें। हम इसके वापस लेने को कहेंगे, अगर हमें जेपीसी में बुलाया गया तो हम जाएंगे।
नायडू और नीतीश विरोध करेंगे- प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा
अरशद मदनी और सैफुल्ला रहमानी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया है कि सेक्युलर पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में कहा था जो धर्म है उस सभी धर्मों के लोग की धार्मिक आजादी होगी इससे साफ है वो हमारे साथ हैं। हमने चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव से मुलाकात की है उन्होंने कहा है वो विरोध करेंगे। अरशद मदनी ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे और कई अन्य नेताओं का भी वक्फ बिल के विरोध में बयान आया है।