हमास और इजराइल के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हमास ने इजराइल के लोगों को बंधक बना रखा है और इजराइल ने फिलिस्तीन के लोगों को बंधक बना कर रखा है. इसी के चलते शनिवार को इजराइल ने अपने बंधकों को बचाने के लिए अभियान चलाया जिसके चलते इजराइल ने मध्य गाजा में जमीनी और हवाई हमले किए.
इजराइल के इस बंधक बचाव अभियान में उस ने अपने चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. जबकि इजराइल के हमले में 210 फिलिस्तीन लोगों की जिसमें बच्चे भी शामिल है मौत हो गई.गाजा के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, बच्चों सहित कम से कम 210 फिलिस्तीनी मारे गए.
चार लोगों को रिहा कराया
इजराइली सेना ने बताया कि 26 साल के नोआ अरगामनी, अल्मोग मीर जान, 22, एंड्री कोज़लोव, 27 और श्लोमी ज़िव, 41, को बचा लिया गया है. यह लोग पिछले 246 दिनों से हमास की कैद में थे, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित बचाने के बाद सबसे पहले मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया.
अर्गामनी ने बताया कितने मुश्किल थे दिन
बंधको में से एक अर्गामनी को एक संगीत समारोह से ले जाकर बंधक बना लिया गया था. अर्गामनी के अपहरण का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें वो मोटरसाइकिल पर दो लोगों के बीच में बैठी हुई थी और वह चिल्ला रही थी, “मुझे मत मारो!” उनकी मां लियोरा को ब्रेन कैंसर है और उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपनी बेटी को देखने की अपील की थी. इजराइली चैनल ने कहा कि अरगमानी को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मां का इलाज किया जा रहा है. हमास की कैद से रिहा होने के बाद एक वीडियो में अरगामनी ने प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि वह “बहुत उत्साहित” थीं, उन्होंने कहा कि उन्होंने इतने लंबे समय से हिब्रू नहीं सुनी है.
नेतन्याहू ने बंधकों से की बातचीत
इजराइल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने एक बयान में सभी बंधकों के मुक्त होने तक लड़ाई जारी रखने की कसम खाई. रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा, “ऑपरेशन साहसी था, शानदार ढंग से योजना बनाई गई और इसे अंजाम दिया गया.”
कितने फिलिस्तीनियों की हुई मौत
इस ऑपरेशन के बाद 23 बच्चों और 11 महिलाओं सहित 109 फिलिस्तीनियों के शवों को अल-अक्सा शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां प्रवक्ता खलील देगरान ने बताया कि 100 से ज्यादा घायल भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, 210 मृतकों को वहां और अल-अवदा अस्पताल ले जाया गया था.
लेबनान में स्थित हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी बासेम नईम ने कहा गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ नेतन्याहू और उनकी फासीवादी सरकार ने आज जो भयानक नरसंहार किया है, इजराइल ने हिरासत में लिए गए लोगों को मुक्त करने के बहाने अब तक 210 लोगों की हत्या कर दी और 400 से ज्यादा घायल हो गए. उन्होंने आगे कहा कि नेतन्याहू युद्ध को रोकने और पकड़े गए इजरायलियों को शांतिपूर्वक मुक्त करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने की योजना नहीं बनाते हैं.
400 फिलिस्तीनी घायल
शनिवार को हुए इजराइल के इस ऑपरेशन में नुसीरात और दीर अल-बलाह इलाकों से अल अक्सा अस्पताल में दर्जनों शव लाए गए, मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है. छोटे-छोटे बच्चे खून से लथपथ हैं और दर्द और दशहत से चिल्ला रहे हैं. शवों को बाहर जमीन पर रखा गया था. एक रिश्तेदार ने नुसीरात शरणार्थी शिविर में ऑपरेशन के बाद कहा कि मेरे दो चचेरे भाई मारे गए, और दो चचेरे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्होंने कोई पाप नहीं किया.
मिस्र और जॉर्डन ने की निंदा
पड़ोसी मिस्र ने नुसीरात शरणार्थी शिविर पर इज़राइल के हमलों की “कड़ी शर्तों के साथ” निंदा की, साथ ही जॉर्डन ने भी इजराइल की निंदा की. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने नागरिक मौतों की रिपोर्टों पर ध्यान देते हुए सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “नरसंहार तुरंत खत्म होना चाहिए.”
कब शुरू हुआ था युद्ध
7 अक्टूबर के हमले के दौरान हमास ने लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें लगभग 1,200 इजराइली मारे गए. नवंबर में एक हफ्ते के संघर्ष विराम में लगभग आधे लोगों को रिहा कर दिया गया. लगभग 120 बंधक बचे हैं, जिनमें से 43 को मृत घोषित कर दिया गया है. जीवित बचे लोगों में लगभग 15 महिलाएं, 5 साल से कम उम्र के दो बच्चे और 80 साल के दो पुरुष शामिल हैं.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 36,700 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. फ़िलिस्तीनियों को बड़े पैमाने पर भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है.
कैसे बनाया गया प्लान?
ऑपरेशन की योजना बनाते वक्त इजराइल सेना ने बंधकों की लोकेशन से जुड़ी खुफिया जानकारियों का बारीकी से अध्ययन किया, क्योंकि जंग की शुरुआत से ही हमास बंधकों की जगह का बदल रहा था. ऑपरेशन से पहले सेना की विशेष यूनिट यमम ने सेंट्रल गाजा के नुसेरात से बाहर जाने वाले रास्तों पर कई अभ्यास किए. इसके बारे में सैन्य अधिकारियों ने कहा कि यह 1976 के “एंटेबे छापे के समान” था, जब इजरायली कमांडो ने युगांडा में 100 से अधिक बंधकों को बचाया था.
ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने गुरुवार शाम को इस ऑपरेशन को मंजूरी दे थी. फिर शनिवनार सुबह सेना की शेन बिट और यमम यूनिट ने बंधकों को कैद करने वाली जगह पर अपना ऑपरेशन शुरू किया. सुबह 11 बजे सेना को दो मंजिला बिल्डिंग पर रेड करने के आदेश दिए गए जहां बंधकों के होने का इंपुट था.
नुसेरात गाजा के उन कुछ क्षेत्रों में से एक है, जहां IDF ने जमीनी हमले के दौरान प्रवेश नहीं किया है. सेना ने बिल्डिंग पर हमला बड़े ही शांत तरीके से किया, क्योंकि उसको बंधकों की हत्या होने का डर था. हमास द्वारा 3 बंधकों को एक फिलिस्तीनी परिवार के साथ रखा गया था और इसके निगरानी हमास के लड़ाके कर रहे थे. एक और बंधक अर्गामनी को भी पास वाली ही बिल्डिंग में हमास के लड़ाकों ने रखा हुआ था.
सेना के मुताबिक अर्गामानी को आसानी से छुड़ा लिया गया, लेकिन खतरनांक गनफायर परिवार के साथ रखे गए 3 बंधकों को छुड़ाने में करनी पड़ी. इन तीन बंधकों में मीर जान, कोज़लोव और ज़िव शामिल थे. IDF का कहना है कि हमास बंधकों को छिपाने के लिए परिवार को पैसे देता है.
भीषण लड़ाई का सामना कर छुड़ाए बंधक
सेना को हमास के लड़ाकों की ओर से भीषड़ गोला-बारी का सामना करना पड़ा. जिसमे रेस्कयू टीम के कमांडर जामोरा बुरी तरह घायल हुए बाद में उनकी मौत हो गई है. साथ ही इस ऑपरेशन में बंधकों की सुरक्षा के लिए तैनात हमास के लड़ाके भी मारे गए हैं.
कुछ ही देर बाद, जब बंधकों को नुसेरात से निकाला जा रहा था. तो उनकी गाड़ी पर गोलीबारी की गई, जिससे वह गाजा में फंस गए. सेना की दूसरी टुकड़ी बचाने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें गाजा में एक अस्थायी हेलीपैड पर ले गए, जहां से उन्हें इजराइल तेल हाशोमर अस्पताल में ले जाया गया.
ऑपरेशन में मारे 210 लोग
हमास के सरकारी मीडिया कार्यालय ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान कम से कम 210 लोग मारे गए हैं, जिसको IDF ने भी स्वीकार किया कि उसने लड़ाई के दौरान फिलिस्तीनी नागरिकों को मारा, लेकिन उसने बंधकों को पकड़ने और घनी आबादी वाले नागरिक क्षेत्र में लड़ने के लिए हमास को ही दोषी ठहराया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, IDF स्पोकपर्सन रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमें 100 से कम फिलिस्तीनी हताहतों के बारे में पता है, मुझे नहीं पता कि उनमें से कितने आतंकवादी हैं.
प्रधानमंत्री ने की बंधकों से मुलाकात
8 महीने बाद कैद से रिहा होने के बाद बंधकों के परिवारों में खुशी की लहर है. पूरे इजराइल में सेना के इस साहस की तारीफ की जा रही है. शनिवार को बंधकों के इजराइल लौटने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने बंधकों से मुलाकात की है.