Breaking News

Irfan Solanki:-हाईकोर्ट ने इरफान सोलंकी को बड़ी राहत दी ,फर्जी आधार कार्ड के मामले में जमानत मंजूर लेकिन अभी जेल में ही रहना पड़ेगा

Irfan Solanki:होली से पहले कानपुर के सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें फर्जी आधार कार्ड के मामले में राहत देते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दो साल से जेल में बंद इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी पर उसके अधिवक्ता इमरान उल्ला और विनीत विक्रम तथा सरकारी वकील को सुनकर दिया है। फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा करने के आरोप में कानपुर के ग्वाल टोली थाने में इरफान सोलंकी के खिलाफ 2022 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। हालांकि फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा मामले में जमानत मिलने के बाद भी इरफान सोलंकी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मुकदमे में इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर होना शेष है।

इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लंबित रंगदारी के एक आपराधिक मामले में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी को सोमवार को जमानत दे दी। हालांकि 2022 के मामले में दोनों को जमानत दे दी गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से जमानत की अर्जी छह फरवरी, 2022 को दर्ज एक आपराधिक मामले में दायर की गई थी। यह मामला कानपुर के जाजमऊ पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 386 (मृत्यु का भय दिखाकर व्यक्ति से रंगदारी मांगना) के तहत दर्ज किया गया था।

प्राथमिकी में शिकायतकर्ता अकील अहमद ने आरोप लगाया था कि आरोपी व्यक्ति कुछ गरीब लोगों की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे और इस पर उसने आपत्ति की जिसके बाद आरोपियों ने उसे धमकी देकर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी।सोलंकी के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और राजनीतिक दुश्मनी के चलते उसे झूठा फंसाया गया है। घटना के समय इरफान विधायक था। सोलंकी चार जनवरी, 2023 से जेल में है।

याचिकार्ताओं को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने कहा, “याचिकाकर्ता इरफान सोलंकी पहले ही दो साल से अधिक की सजा काट चुका है और नौ मामलों का उसका पिछला आपराधिक इतिहास है और इस मामले के बाद उसे और नौ मामलों में संलिप्त दिखाया गया है।” अदालत ने कहा, “प्रभाकर तिवारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार, 2020 के मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि एक आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित होना जमानत से मना करने का अपने आप में आधार नहीं हो सकता। आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी केवल आपराधिक इतिहास के आधार पर खारिज नहीं की जा सकती।”

About ARYAN CHAUDHRI

ARYAN CHAUDHRI
Additional Chief Editor Mo. NO.-06390315006 Email - mr.aryan8005@gmail.com 1.Contact for Advertisement. 2.Contact for Latest News Update of your area. 3.Contact for Join Our Channel. 4.We are 24×7 hours with you.

Check Also

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में त्योहारों के मद्देनजर BNS की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) कल से दो महीने के लिए लागू हो जाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में त्योहारों के मद्देनजर BNS की धारा 163 (पूर्व में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *