Breaking News

ओडिशा कांग्रेस के अंदर भी अंदरुनी सामने आया, सोनिया को भेजे एक पत्र में पूर्व विधायक ने लिखा, “जब कोई नेता अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विश्वास हासिल नहीं कर पाता है, तो कार्यकर्ता स्वाभाविक रूप से उसके नेतृत्व में भरोसा खो देते हैं.”

कांग्रेस के लिए संकट का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार चुनाव में करारी शिकस्त फिर कर्नाटक में सत्तारुढ़ पार्टी के अंदर मचे घमासान के बीच अब ओडिशा में भी विवाद शुरू हो गया है. वहां पर भी पार्टी के अंदर असंतोष दिख रहा है. राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व पर सवाल उठाए. उन्होने दावा कि पार्टी कार्यकर्ता भाई-भतीजावाद और अंदरूनी लॉबिंग की वजह से निराश हैं.

ओडिशा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने कल बुधवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखकर प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. भक्त चरण दास, जिन्हें इसी साल फरवरी में ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर अब तक कुछ नहीं कहा है.

कोसल राज्य के समर्थन से गहरी ‘अशांति’

पार्टी आलाकमान को भेजे अपने पत्र में, मोकिम ने कहा कि दास को इस साल की शुरुआत में ओडिशा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि वे लगातार तीन चुनाव हार चुके थे और “एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े थे जो ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस के विरोध में रही है”.

बाराबती-कटक के पूर्व विधायक ने प्रदेश अध्यक्ष और उनके विधायक बेटे सागर द्वारा एक अलग ‘कोसल राज्य’ के लिए सार्वजनिक समर्थन का मुद्दा भी उठाया, और उन्होंने यह दावा भी किया कि इस रुख से पार्टी कार्यकर्ताओं में “गहरी अशांति” पैदा हो गई है.

उपचुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार

मोकिम, जो खुद भी फरवरी में ओडिशा का प्रदेश अध्यक्ष (OPCC) बनने की रेस में शामिल थे, ने राज्य में लोगों के घटते भरोसे के एक और सबूत के तौर पर भक्त चरण दास के संसदीय क्षेत्र का जिक्र किया. यहां की नुआपाड़ा विधानसभा सीट पर फरवरी में कराए गए उपचुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था.

सोनिया को भेजे पत्र में मोकिम ने लिखा, “जब कोई नेता अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विश्वास हासिल नहीं कर पाता है, तो कार्यकर्ता स्वाभाविक रूप से उसके नेतृत्व में भरोसा खो देते हैं और राज्य में पार्टी का मार्गदर्शन करने की उसकी क्षमता के बारे में चिंता भी जताते हैं.” उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस उपचुनाव में यह सीट करीब 83,000 वोटों से हार गई थी.

पार्टी में कोई दरार नहींः जयदेव जेना

पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि “हजारों जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ता” अब भी भ्रमित, निराश और दिशाहीन हैं. उन्होंने दावा किया कि देशभर के कई ईमानदार नेता भाई-भतीजावाद, अंदरूनी लॉबिंग और पहचान की कमी की वजह से निराश महसूस कर रहे हैं.

हालांकि ओडिशा के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष जयदेव जेना ने इस घटनाक्रम पर खास महत्व नहीं दिया. उन्होंने कहा, “पार्टी का कोई भी व्यक्ति पार्टी के कामकाज के बारे में आलाकमान को पत्र लिख सकता है. कांग्रेस के भीतर किसी तरह की कोई दरार नहीं है.”

About Manish Shukla

Manish Shukla
मैं मनीष शुक्ला RBNEWS PVT LTD नेटवर्क में मुख्य संपादक एवं डायरेक्टर हूं. मीडिया उद्योग में 4 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, मैं रिपोर्टिंग और विश्लेषण में अपने अनुभव का लाभ उठाकर पाठको को आकर्षित और जागरूक करने वाली उच्च-प्रभाव वाली खबरों को सत्यतापूर्वक पेश करता हूं. वर्तमान में, मैं यु.पी., एम.पी., बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली सरकार की राजनीतिक व अपराधिक घटनाओं, एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED), CBI को कवर करने, के साथ कुछ इंटरव्यू और समसामयिक मामलों पर व्यावहारिक विश्लेषण प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदारी निभा रहा हूं.

Check Also

देश की संसद में चुनाव सुधार और एसआईआर पर बहस के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर तंज कसा कहा कि कांग्रेस को एसआईआर की जरूरत है वरना पार्टी खत्म हो जाएगी.

देश की संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा हो रही है. विपक्ष एसआईआर पर सवाल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *