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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा साझेदारी बढ़ाने को लेकर चर्चा करने से अमेरिकी ICV स्ट्राइकर के भारत आने का रास्ता साफ, सेना में जल्द होगी शामिल

India US Striker Javelin ATGM : भारतीय सेना आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है. सेना अपने पुराने सैन्य सामानों को आधुनिक सामानों से बदलने की प्रक्रिया में लगी हुई है. इस वक्त सेना के मैकेनाइज्ड इंफैंट्री में करीब 2000 रूसी ICV BMP-2 उपलब्ध हैं, जिसे सेना जल्द ही 500 से ज्यादा इंफ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) को अमेरिकी ICV स्ट्राइकर से बदलने जा रही है.

अमेरिका और भारत ने जारी किया संयुक्त बयान

अपने अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर चर्चा की है. इसके बाद भारत और अमेरिका के संयुक्त बयान में भारतीय सेना के लिए ICV स्ट्राइकर और जैवलीन ATGM का रास्ता भी साफ कर दिया है.

संयुक्त बयान में कहा गया, “अमेरिका भारत के साथ अपने मिलिट्री सेल और सह-निर्माण को बढ़ाएगा. इसके अलावा यह घोषणा की गई कि इस वर्ष जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्ट्राइकर इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के लिए नई खरीद और सह-निर्माण व्यवस्थाओं पर काम किया जाएगा. जिससे भारत की रक्षा जरूरतों को तेजी से पूरा किया जा सके.”

लद्दाख में हो चुका है स्ट्राइकर का ट्रायल

भारतीय सेना के पास 2 तरह के ICV उपलब्ध हैं. इसमें एक ट्रैक्ट या टैंकों की तरह ट्रैक पर चलने वाले, वहीं दूसरा व्हील्ड यानी टायरों पर चलने वाले शामिल हैं. अब भारतीय सेना व्हील्ड ICV को बदलकर अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. अमेरिकी कंपनी जनरल डायनामिक्स लैंड सिस्टम्स ICV स्ट्राइकर को बनाती है. कपंनी ने पिछले साल यानी 2024 के सितंबर-अक्टूबर महीने में लद्दाख के हाई एल्टिट्यूड इलाके में सेना को डेमो दिया था. यह डेमो समुद्री तल से 13 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर दिया गया था.

ATGM जैवलिन माउंटेड स्ट्राइकर है सेना की पसंद

ICV स्ट्राइकर के कई अलग-अलग वेरिएंट्स हैं. जिसमें भारतीय सेना को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल कैरियर की जरूरत है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने स्ट्राइकर के डेमो के दौरान जैवलीन ATGM का भी ट्रायल भी किया था. यह मिसाइल किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी को बहुत आसानी से तबाह कर सकती है.

उल्लेखनीय है कि जैवलिन मिसाइल अपने लक्ष्य का निशाना साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है. इस मिसाइल का वजन 22.3 किलोग्राम है और मारक क्षमता 2500 मीटर तक है. इसकी नाइट विजन क्षमता के कारण इससे रात में भी आसानी से निशाना साधा जा सकता है.

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