Indian Navy:-इंडियन नेवी ने 2047 तक अपनी समुद्री क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. यह योजना भारत की स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने और विश्व की महाशक्ति के रूप में उभरने की महत्वाकांक्षा के साथ जुड़ी हुई है.
भारतीय नौसेना अपने बेड़े को मजबूत करने के इरादे के साथ दुश्मनों को चौंकाने का मन बना चुकी है. स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए, नेवी अगले दशक में लगभग 94 नए युद्धपोतों को शामिल करने की योजना बना रही है..
यह कदम भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा और गहरे समुद्री क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. भारतीय नौसेना लगातार एडवांस युद्धपोतों, मिसाइलों और पनडुब्बियों के निर्माण कार्य का काम कर रही है. इसी के साथ नेवी कई तरह के ट्रायल्स, ड्रिल और परीक्षणों के जरिए अपनी तैयारियों को भी परखती रहती है. इसी के मद्देनजर नेवी के विस्तार की योजनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. अभी नेवी के करीब 63 युद्धपोत निर्माणाधीन हैं.
नौसेना को और अधिक मजबूत करने की योजना
खास बात यह है कि इनमें से 61 युद्धपोत भारत में मेक इन इंडिया पहल के तहत बनाए जा रहे हैं, जो देश के जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं. शेष दो युद्धपोत रूस में बनाए जा रहे हैं, जो आवश्यक संसाधनों के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपनी ऑपरेशनल, सर्विलांस और समुद्री तैयारियों को और मजबूत करने के लिए नेवी अतिरिक्त 31 युद्धपोतों के लिए स्वीकृति की आवश्यकता (AON) प्राप्त करने की योजना बना रही है.
नौसेना की यह रणनीति उभरते खतरों का सामना करने, समुद्री क्षेत्र की जागरूकता को मजबूत करने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में भारत की नौसैनिक उपस्थिति को दमदार करने के लिए की जा रही है. इसी लिहाज से भारतीय नौसेना को मजबूत करने और भारत की स्वदेशी ताकत को बढ़ावा देने के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड जैसे भारतीय शिपयार्ड और निजी क्षेत्र की कंपनियां प्रमुख भूमिका निभा रही हैं.
इस महत्वाकांक्षी रोडमैप में शामिल प्रमुख परियोजनाएं हैं:
प्रोजेक्ट 17A स्टेल्थ फ्रिगेट्स: ये एडवांस फ्रिगेट्स आधुनिक स्टेल्थ फीचर्स और लेटेस्ट हथियार प्रणालियों से लैस हैं, जो नेवी की युद्ध क्षमता को बढ़ाते हैं.
विक्रांत-क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर्स: ये स्वदेशी रूप से निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर्स भारत की कैरियर स्ट्राइक क्षमता का आधार हैं, जो नौसेना को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम बनाता है. जल्द ही नेवी के लिए एक और स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने के विजन सिरे चढ़ सकता है.
नेक्स्ट-जनरेशन डेस्ट्रॉयर्स (NGD): अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस ये विध्वंसक नेवी की वायु रक्षा और सतह विरोधी युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाएंगे.
एडवांस्ड सबमरीन: इनमें पारंपरिक और परमाणु ऊर्जा चालित दोनों प्रकार की पनडुब्बियां शामिल हैं, जो पानी के नीचे के क्षेत्र में प्रभुत्व और रणनीतिक बढ़त बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं.
जैसे-जैसे इंडियन नेवी अपने विजन 2047 की ओर बढ़ रही है, इसका लक्ष्य 175 युद्धपोतों के मजबूत बेड़े को हासिल करना है. इस महत्वकांशी विजन में विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट्स, कॉर्वेट्स, पनडुब्बियां और सहायक पोत शामिल होंगे. इसके साथ ही एडवांस हेलीकॉप्टर, ड्रोन और समुद्री गश्ती विमान से लैस एक मजबूत एविएशन विंग भी इसका हिस्सा होगा.