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भारतीय सेना ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर ‘अग्निशोध’ नाम से एक रिसर्च सेल (आईएआरसी) की स्थापना की, रिसर्च सेंटर का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया

भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. सेना ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर ‘अग्निशोध’ नाम से एक रिसर्च सेल (आईएआरसी) की स्थापना की है. इस खास रिसर्च सेंटर का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया. इसका मकसद सेना की जरूरतों के हिसाब से नई तकनीकें बनाना और देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है .

यह केंद्र IIT मद्रास के कैंपस में बना है और यहां वैज्ञानिक और सेना के लोग मिलकर काम करेंगे. सेना प्रमुख ने बताया कि यह कदम सेना में तकनीकी बदलाव लाने के लिए बहुत जरूरी है. अग्निशोध भारतीय सेना और IIT मद्रास के बीच साझेदारी का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य रक्षा तकनीक में नई खोज और नवाचार को बढ़ावा देना है.

‘स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण का मंत्र’

यह रिसर्च सेल आधुनिक युद्ध प्रणाली, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और अन्य उन्नत तकनीकों पर फोकस करेगा, जिससे भारतीय सेना को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तकनीकी रूप से और मजबूत बनाया जा सके. जनरल द्विवेदी ने इसे स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण का मंत्र बताया. ‘अग्निशोध सैन्य कर्मियों को साइबर सिक्योरिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन और ड्रोन तकनीक जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करेगा. यह केंद्र शैक्षणिक उत्कृष्टता को युद्ध के मैदान में नवाचार में बदल देगा, जो विकसित भारत 2047 के सपने को हकीकत में बदलेगा.

General Upendra Dwived

जनरल द्विवेदी ने किया ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

इस दौरान जनरल उपेंद्र द्विवेदी IIT मद्रास में “ऑपरेशन सिंदूर” पर भी बात की. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन 88 घंटे चला और भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर दुश्मन के खिलाफ सटीक और तेज कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का नया अध्याय है.

‘देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार’

जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज की लड़ाइयां सिर्फ बंदूकों से नहीं, बल्कि तकनीक से भी लड़ी जाती हैं. इसलिए अब जरूरी है कि सेना के जवान भी ड्रोन, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटर और नई तकनीकों में माहिर हों. उन्होंने कहा कि अग्निशोध सेंटर में जवानों को ऐसी ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ‘अग्निशोध’ सेना और विज्ञान को जोड़ने वाला पुल बनेगा और भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा.

4 पूर्व सैनिकों को वेटरन अचीवर्स अवॉर्ड से नवाजा

इस मौके पर सेना प्रमुख ने OTA (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) चेन्नई का भी दौरा किया और वहां कैडेट्स की ट्रेनिंग की सराहना की. उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाइयों में बूट्स यानी सैनिक और बॉट्स यानी रोबोट साथ-साथ लड़ेंगे. इस दौरान जनरल द्विवेदी ने चार पूर्व सैनिकों को वेटरन अचीवर्स अवॉर्ड से भी सम्मानित किया.

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