चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब भारत ने जीत लिया है. दुबई में खेले गए फाइनल मैच में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया. इस जीत के साथ ही भारत ने पाकिस्तान के जख्मों पर नमक छिड़क दिया. ये नमक भी एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार छिड़का गया है. भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर पाकिस्तान को तीन दर्द दिए हैं. आइए आपको बताते हैं कि कैसे टीम इंडिया ने पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड और वहां के उन पूर्व क्रिकेटरों को जवाब दिया है जो लगातार उसके खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे.
पाकिस्तान से छीना ताज़
पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बतौर डिफेंडिंग चैंपियन उतरा था लेकिन अब ये खिताब उससे छिन गया है. पहले तो पाकिस्तान सेमीफाइनल में भी क्वालिफाई नहीं कर पाया और अब भारत ने फाइनल जीतकर उसके जख्मों पर नमक रगड़ा है. दरअसल साल 2017 में पाकिस्तान की टीम ने भारत को ही फाइनल में हराया था लेकिन अब भारत ने फाइनल जीत चैंपियनों के चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया है.
पाकिस्तान को हराया
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया. पाकिस्तान की टीम दुबई में आई और भारत ने 6 विकेट से मैच जीता. विराट कोहली ने शानदार शतक लगाया. पाकिस्तान इस हार के बाद ही चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हुआ.
पाकिस्तान नहीं कर पाया फुल मेजबानी
इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बीसीसीआई ने करारा झटका दिया था. पाकिस्तान अपने ही घर पर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करने पर अड़ा हुआ था. लेकिन बीसीसीआई के आगे उसे झुकना पड़ा. चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल के तहत हुआ. टीम इंडिया ने अपने सभी मैच दुबई में खेले और वो अंत में चैंपियन भी बनी.बड़ी बात ये है कि पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपने दो स्टेडियमों पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे लेकिन इस टूर्नामेंट में उसे परफॉर्मेंस के नाम पर ठेंगा ही मिला.
स्पिनर्स ने लगाई बल्लेबाजों पर लगाम
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में एक बार फिर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टॉस हारे लेकिन नतीजा भी वही हुआ, जो पिछले 4 मैचों में टॉस हारने के बाद हुआ था. एक बार फिर भारतीय स्पिनर्स ने रनों की रफ्तार पर लगाम लगाई और टीम को सफलता दिलाई. वरुण चक्रवर्ती (2/45) ने पहली सफलता दिलाई जबकि असली कमाल किया कुलदीप यादव (2/40) ने. पूरे टूर्नामेंट में अपनी बॉलिंग में निरंतरता की कमी के कारण आलोचना झेल रहे कुलदीप ने पहली ही गेंद पर रचिन रवींद्र (37) को बोल्ड कर दिया. फिर अगले ही ओवर में केन विलियमसन का विकेट भी हासिल कर लिया.
इसके बाद डैरिल मिचेल (63) ने न्यूजीलैंड की पारी को संभाला, जबकि ग्लेन फिलिप्स (34) से भी उन्हें साथ मिला. मगर न्यूजीलैंड की टीम थोड़ा और जल्दी ढेर हो सकती थी, अगर टीम इंडिया ने इन दोनों बल्लेबाजों के कैच ड्रॉप नहीं किए होते. कुल मिलाकर इस फाइनल में भारत ने 4 कैच ड्रॉप किए. फिर भी भारतीय स्पिनरों ने कसी हुई बॉलिंग से न्यूजीलैंड को इनका ज्यादा फायदा नहीं उठाने दिया. आखिर में माइकल ब्रेसवेल ने सिर्फ 40 गेंदों में 53 रन (नॉट आउट) की पारी खेली और टीम को 251 रन के मुकाबले लायक स्कोर तक पहुंचाया.
रोहित ने फाइनल में दिखाया जलवा
टीम इंडिया को इस फाइनल में अपने कप्तान रोहित से बड़ी पारी की उम्मीद थी और जरूरत भी थी. पूरे टूर्नामेंट में रोहित के बल्ले से कोई बड़ी पारी नहीं निकली थी और साथ ही फाइनल मैचों में भी वो कोई अर्धशतक तक नहीं लगा सके थे. साथ ही उनके संन्यास की अटकलें लगातार जारी थीं. रोहित (76) ने ऐसे में इस अवसर को पूरी तरह से अपने नाम कर लिया और अपने आक्रामक अंदाज में न्यूजीलैंड को शुरुआत में ही बैकफुट पर धकेल दिया. रोहित ने ताबड़तोड़ अर्धशतक जमाया और फिर शुभमन गिल (31) के साथ शतकीय साझेदारी की.
टीम इंडिया को यहां पर जल्दी-जल्दी 2 झटके लगे और शुभमन गिल के बाद विराट कोहली (1) भी पवेलियन लौट गए. जल्द ही कप्तान रोहित भी अपना विकेट गंवा बैठे. यहां से श्रेयस अय्यर (48) और अक्षर पटेल ने 61 रन की साझेदारी कर टीम की वापसी कराई. श्रेयस अर्धशतक से चूक गए और अक्षर पटेल (29) भी कुछ ही देर में पवेलियन लौट गए. मगर केएल राहुल (34 नाबाद) और हार्दिक पंड्या ने टीम को जीत के बेहद करीब पहुंचा दिया. जीत से ठीक पहले हार्दिक आउट हुए लेकिन राहुल ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर टीम को खिताब दिलाकर ही दम लिया.