ईरान में तीन नागरिकों के लापता होने के बाद भारत ने तेहरान से सहायता मांगी है. ये तीनों नागरिक बिजनेस के परपस से वहां गए थे. मगर वहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद अपने परिवारों से उनका संपर्क टूट गया. भारत ने तेहरान के समक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी है.
जायसवाल ने कहा कि ये तीनों भारतीय नागरिक कारोबार के उद्देश्य से ईरान गए थे और वहां पहुंचने के कुछ समय बाद ही अपने परिवारों से उनका संपर्क टूट गया. हम उन तीनों लापता नागरिकों के परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हमने दिल्ली में ईरानी दूतावास के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. इसके साथ ही तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया है.
तीनों दिसंबर में गए थे ईरान
रणधीर जायसवाल ने आगे बताया कि विदेश मंत्रालय और तेहरान में भारतीय दूतावास लगातार ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और लापता नागरिकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हमने ये भी कहा है कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में ईरानी अधिकारियों की सहायता करेंगे. बताया जा रहा है कि तीनों भारतीय नागरिक दिसंबर में ईरान गए थे.
रूस में 16 भारतीय लापता
वहीं, रूस में लापता भारतीयों पर जयसवाल ने कहा कि हमने कहा था कि 18 में से 16 लोग लापता हो गए हैं. हम उनकी तलाश के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने 17 जनवरी को बताया था कि यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के लिए काम करते हुए कम से कम 12 भारतीय नागरिक मारे गए, जबकि 16 अन्य लापता हैं. जयसवाल ने कहा कि रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के कुल 126 मामले थे.
उन्होंने कहा कि भारत उन लोगों की जल्द रिहाई की मांग कर रहा है जो अभी भी वहां हैं. इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं, जिन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है. रूसी सेना में 18 भारतीय नागरिक बचे हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों के ठिकाने का पता नहीं है.