Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेकुलर सिविल कोड वाले बयान पर सपा के पूर्व सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि प्रधानमंत्री सेकुलर सिविल कोड की आड़ में देश के संविधान को बदलना चाहते हैं. वहीं आरक्षण को समाप्त कर देश के संविधान को हिन्दू राष्ट्र की तरफ ले जाना चाहते हैं. इन्हें तो सेकुलर शब्द से ही नफरत है. ये तो संविधान से सेकुलर शब्द को ही हटाना चाहते हैं. आज कैसे वह सेकुलर शब्द की बात कर रहे हैं. यह लोग तो सेकुलरिज्म का झंडा उठाने वाले ही नहीं हैं.
UCC या सेकुलर सिविल कोड की आड़ में इनकी योजना संविधान को बदलने और आरक्षण को खत्म करने की है. इसके बहाने वह संविधान को हिन्दू राष्ट्र की तरफ़ ले जा सकते हैं. भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले भी कहा था की हम संविधान को बदलेंगे और भाजपा संविधान को बदलने की फिराक में है. अब यह बताएं की क्या-क्या बदलेंगे आरक्षण का क्या करेंगे. अल्पसंख्यकों के अधिकारों का क्या होगा. क्या देश हिन्दू राष्ट्र की तरफ बढ़ेगा. यह सेकुलरिज्म की परिभाषा तो नहीं है.
यह देश अनेकताओं में एकता वाला देश
धर्म या जाति के नाम पर किसी के साथ भेदभाव न हो उसे सेकुलरिज्म कहते हैं. यह लोग संविधान को बदलेंगे और आरक्षण को खत्म करेंगे और मुसलमानों के पर्सनल लॉ को खत्म करना चाहते हैं. आज अल्पसंख्यक परेशान हैं. क्या देश का कानून बनाने वाले लोग गलत थे. जिन्होंने संविधान को बनाया था. आज ये उसे बदल देना चाहते हैं. यह देश तो अनेकताओं में एकता वाला देश हैं, यह एक धार्मिक देश हैं. जहाँ सब के अलग अलग धर्म और उसके मनाने के तरीके अलग-अलग हैं. हमारे देश में यह नहीं हो सकता कि हम सब एक ही कोड पर चलें.
हम UCC के बिल्कुल खिलाफ
सेकुलरिज्म की मिसाल तब थी, जब हिन्दू और मुसलमानों ने एक साथ मिलकर अंग्रेजों को भगाया था. 1857 में साथ 60 हजार उलेमाओं को कत्ल कर दिया गया था, दिल्ली से लाहौर तक कुओं को भर दिया था. पेड़ों पर लाशें लटकी हुई थीं. आज उसके 75 साल बाद CAA का कानून आया. आज उनकी औलादों और वारिसों से यह कहा जायेगा कि हिंदुस्तान के अंदर वह कबूल नहीं हैं. क्या यह सेकुलरिज्म है ? हम UCC के बिलकुल खिलाफ हैं.
सपा में हिंदू मुसलमान वाली बात कहीं नहीं
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के विधायक नफीस अहमद ने आरोप लगाया है की उन्हें मुस्लिम होने के कारण धर्मेन्द्र यादव की मौजूदगी में सपा के मंच से बोलने नहीं दिया गया. इस सवाल पर डॉ एस टी हसन ने कहा कि समाजवादी पार्टी में हिन्दू मुस्लिम का कोई भेदभाव नहीं होता है. बल्कि सपा में ही मुसलमानों को बराबर का हक दिया जाता है. हमारी पार्टी में हिन्दू मुसलमान वाली बात कहीं नहीं है.