भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेली गई 5 मैचों की टी20 सीरीज का नतीजा एकतरफा रहा. पहला मैच जीतने के बाद भी मेजबान टीम लगातार चार मैच हार गई. भारत ने आखिरी टी20 मैच 42 रन के बड़े अंतर से जीत सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमाया.
पांचवें और आखिरी मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जिसे इससे पहले टी20 इंटरनेशनल में नहीं देखा गया था. भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया. भारत की पारी में पहली बॉल पर 13 रन बने जो एक अनोखा रिकॉर्ड है.
भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 सीरीज में पहला मुकाबला हारने के बाद जोरदार वापसी की और सीरीज 4-1 से अपने नाम की. टीम इंडिया ने आखिरी टी20 मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए संजू सैमसन की फिफ्टी के दम पर 6 विकेट पर 167 रन बनाए. लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम 18.3 ओवर में महज 125 रन पर ही ऑलआउट हो गई. मुकेश कुमार ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा चार विकेट अपने नाम किए.
यशस्वी जायसवाल का नया कमाल
जिम्बाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी. गेंदबाजी करने का फैसला करने वाले सिकंदर रजा खुद ही पहला ओवर करने आए. यशस्वी जायसवाल कप्तान शुभमन गिल के साथ पारी की शुरुआत करने पहुंचे थे और पहली ही गेंद पर जोरदार छक्का लगा दिया. गेंद फुलटॉस थी जिसे यशस्वी ने उसके सही अंजाम तक पहुंचाया.
छक्के का जश्न मनाने से पहले ही नो बॉल का हूटर बजा और फैंस की खुशी दोगुनी हो गई. यशस्वी ने हाथ आए मौके को लपका और नो बॉल पर मिली फ्री हिट को सामने उठाकर दे मारा और दूसरी छक्का हासिल किया. भारत की पारी में सिर्फ 1 बॉल डाले गए थे और स्कोर बोर्ड पर 13 रन आ चुके थे. इससे पहले टी20 इंटरनेशनल में ऐसा नजारा नहीं देखा गया था.