यूपी में बागपत जनपद के छपरौली क्षेत्र के रठौंडा गांव में मंगलवार की रात एक युवती ने दहेज उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतका मनीषा (उम्र 28), पुत्री तेजबीर ने आत्महत्या से पहले अपने शरीर पर ही सुसाइड नोट लिखकर अपने साथ हुए अत्याचारों का दर्द बयां किया। मनीषा अपने मायके में रह रही थी और पिछले कई महीनों से गहरे मानसिक तनाव से जूझ रही थी।
2 साल पहले हुई थी शादी
जानकारी के अनुसार, मनीषा की शादी वर्ष 2023 में गाजियाबाद जनपद के सिद्धिपुर गांव निवासी कुंदन पुत्र किशन के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। विवाह के कुछ ही महीनों बाद से ससुराल पक्ष ने दहेज में और चीजें लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोप है कि मनीषा के पति और ससुरालियों ने उसके साथ मारपीट की और गर्भवती होने पर उसका जबरन गर्भपात भी करवा दिया।
‘ससुराल वालों को थार चाहिए थी, बेटी ने जान दे दी’
पीड़िता के पिता तेजबीर ने बताया कि वह जुलाई 2024 में बेटी को ससुराल से मायके ले आए थे। इसके बावजूद ससुराल पक्ष लगातार फोन पर थार गाड़ी और नगद धन की मांग करता रहा। तेजबीर ने जब संबंध विच्छेद की बात की तो चार दिन पहले ससुराल पक्ष के करीब 20-25 लोग घर पर पहुंचे और आपसी सहमति से तय हुआ कि वे शादी का सारा सामान और खर्च वापस कर देंगे। जब कागजी प्रक्रिया की बात आई, तो मनीषा ने स्पष्ट कहा कि जब तक दहेज और खर्च की भरपाई नहीं होगी, वह तलाकनामे पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।
जहरीली दवा खाकर किया सुसाइड
इसके बाद से मनीषा तनाव में रहने लगी। मंगलवार की रात जब परिवार के सभी सदस्य सो चुके थे, तो मनीषा ने घर में रखी गेहूं में रखने वाली जहरीली दवा खाकर जान दे दी। सुबह मां सुनीता जब उसे जगाने पहुंची तो मनीषा मृत अवस्था में मिली। पिता तेजबीर, जो गाजियाबाद में एमसीडी में नौकरी करते हैं, को सूचना दी गई। उन्होंने गांव पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल परिवार गहरे शोक में है और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
वहीं, छपरौली थाना प्रभारी निरीक्षक देवेश शर्मा ने बताया कि अभी तक परिजनों द्वारा थाने पर कोई तहरीर नहीं दी गई है। मृतक युवती का पोस्टमार्टम कराया गया है। सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंच गयी थी। पुलिस ने कहा कि तहरीर मिलने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।